बाहरी के बवंडर के बाद शिवपाल-अखिलेश कलह पार्ट-2 ने दी दस्तक
लखनऊ। सपा परिवार के बीच की कलह की पहली खेफ अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि दूसरी खेफ की दस्तक दिखाई देने लगी है। माना जा रहा है कि अखिलेश व शिवपाल के बीच अगली कलह की जड़ टिकटों का बंटवारा होने वाला है।
सपा की पारिवारिक कलह ने खोली यादव परिवार की कलई
टिकटों के बंटवारे को लेकर आमने-सामने
एक तरफ जहां अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें भी टिकट बंटवारें में अहम भूमिका मिलनी चाहिए, तो दूसरी तरफ शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अनुभव बहुत जरूरी है, अभी और सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अखिलेश को मुझसे भी सीखना चाहिए।
टिकट नेताजी ही बाटेंगे
शिवपाल ने कहा कि अध्यक्ष पार्टी का कोई भी हो, टिकट नेताजी ही बाटेंगे, मैं बड़ा हूं फिर भी सबकी बात मानता हूं। अखिलेश मुझसे अगर कुछ कहेंगे तो क्या मैं नहीं मानुंगा। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि टिकट हम बाटेंगे, नेताजी का निर्णय अच्छा हो या बुरा हो हम मानेंगे।
सीएम की कुर्सी पर आ जाता है अहम
शिवपाल सिंह ने अपरोक्ष रूप से अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम की कुर्सी पर बैठकर अहम आ जाता है, अखिलेश को अनुभव की जरूरत है। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अहम नहीं होना चाहिए। गौर करने वाली बात यह है कि अखिलेश यादव भी यह कह चुके हैं कि यह विवाद मेरी वजह से नहीं है बल्कि कुर्सी की वजह से है। उन्होंने कहा था कि अगर बेहतर उम्मीदवार हो तो मैं सीएम की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार हूं।
अंसारी विवाद पर अखिलेश-रामगोपाल को भी लिया आड़े हाथों
शिवपाल यादव ने कौमी एकता दल पर अपनी राय रखते हुए कहा कि अखिलेश और प्रोफेसर रामगोपाल को यह बात समझनी चाहिए कि नेताजी के आदेश पर ही कौमी एकता दल का विलय किया गया था। बहरहाल मुख्तार अंसारी को पार्टी में नहीं लिया गया है, सुलह का रास्ता नेताजी ने निकाल लिया है।
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अमर सिंह का खुलकर किया बचाव
वहीं बाहरी आदमी के पार्टी में हस्तक्षेप पर शिवपाल सिंह ने अमर सिंह का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि तकलीफ अमर सिंह से है। सब लोगों में अच्छाईयां और बुराईयां होती है। शिवपाल ने कहा कि सीएम के साथ रहने वाले कैबिनेट मंत्री काम नहीं करते हैं, अंकल पढ़े-लिखे हैं ऐसे में उनसे काम लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंकल से सब लोगों को काम लेना चाहिए।