JDU-RLD ने किया गठबंधन का ऐलान, यूपी में बदले समीकरण
यूपी में आरलडी और जदयू एक साथ लड़ेगी चुनाव, अजीत सिंह ने मुलायम पर साधा निशाना बोले वह समाजवाद से भटक गए हैं।
लखनऊ। यूपी चुनाव से ठीक पहले समाजावादी पार्टी के साथ गठबंधन की गुंजाइश तलाश रहे अजीत सिंह को बड़ा झटका लगा है। मुलायम सिंह के गठबंधन के दरवाजे बंद करने के बाद जेडीयू और आरएलडी ने गठबंधन कर लिया है। आरएलडी के नेता अजीत सिंह और जदयू नेता शरद यादव व केसी त्यागी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस करके इस गठबंधन की जानकारी दी।
कानपुर ट्रेन हादसा, मरने वालों की संख्या 145 पहुंची
मुलायम
भटक
गए
समाजवाद
से
इस
गठबंधन
के
वक्त
अजीत
सिंह
ने
मुलायम
सिंह
पर
बड़ा
हमला
बोलते
हुए
कहा
कि
वह
समाजवाद
के
रास्ते
से
भटक
गए
हैं।
अजीत
सिंह
ने
कहा
कि
मुलायम
सिंह
अपने
पूर्वजों
के
बताए
रास्ते
से
भटक
गए
हैं।
वह
लोहिया
और
चौधरी
चरण
सिंह
के
बताए
रास्ते
को
भूल
गए
हैं।
जानिए
क्या
है
देश
के
सबसे
बड़े
एक्सप्रेस
वे
की
खासियत
एक
मंच
पर
जुटे
थे
नेता
यहां
गौर
करने
वाली
बात
यह
है
कि
समाजवादी
पार्टी
के
रजत
जयंती
कार्यक्रम
में
ये
सभी
नेता
एक
मंच
पर
साथ
आए
थे
और
इन
नेताओं
ने
मुलायम
सिंह
यादव
के
साथ
मंच
भी
साझा
किया
था।
प्रदेश
में
महागठबंधन
की
कवायद
को
जदयू
और
आरएलडी
के
गठबंधन
के
बाद
बड़ा
झटका
लगा
है।
इस
गठबंधन
के
सियासी
मायने
अगर
निकाले
जाए
तो
प्रदेश
में
सपा,
बसपा
और
भाजपा
ही
शीर्ष
तीन
पार्टियां
हैं
जो
सरकार
बनाने
की
कवायद
में
सबसे
आगे
हैं,
ऐसे
में
आरएलडी
और
जदयू
जैसी
पार्टियों
के
अस्तित्व
के
लिए
अहम
था
कि
वह
इन
बड़ी
पार्टियों
के
साथ
चुनाव
लड़े।
2014
में
अजीत
सिंह
ने
खोई
थी
जमीन
जिस
तरह
से
2014
के
लोकसभा
चुनाव
में
अजीत
सिंह
की
पार्टी
का
बुरा
हश्र
हुआ
था।
अजीत
सिंह
ना
सिर्फ
अपनी
बल्कि
अपने
बेटे
की
सीटों
को
भी
नहीं
बचा
पाए
थे।
ऐसे
में
वक्त
में
जब
अजीत
सिंह
प्रदेस
में
अपने
अस्तित्व
की
लड़ाई
लड़
रहे
थे
तो
उनकी
समाजवादी
पार्टी
के
साथ
दाल
नहीं
गलना
उनके
लिए
बड़ी
मुश्किल
बन
सकती
है।
सीटों
पर
अजीत
की
मुलायम
से
नहीं
बनी
बात
सूत्रों
की
मानें
तो
अजीत
सिंह
सपा
के
साथ
गठबंधन
के
लिए
तैयार
थे
लेकिन
इस
बाबत
वह
प्रदेश
में
80
सीटों
की
मांग
कर
रहे
थे,
लेकिन
सपा
उन्हें
18
से
अधिक
सीटें
देने
को
तैयार
नहीं
थी।
जिसके
चलते
उन्होंने
इस
गठबंधन
से
दूरी
बनाने
का
फैसला
लिया।
यूपी
में
जमीन
तलाश
रही
जदयू
वहीं
यूपी
की
सियासत
तलाश
रही
जदयू
की
उम्मीदों
पर
भी
यह
फैसला
बड़ा
पलटवार
साबित
हो
सकता
हैा।
हालांकि
शरद
यादव
ने
इस
आरएलडी
के
साथ
गठबंधन
पर
कहा
कि
हम
विलय
को
तैयार
लेकिन
इसका
वक्त
नहीं,
मुलायम
सिंह
ने
महागठबंधन
की
जगह
विलय
की
कही
बात।
उन्होंने
कहा
कि
हम
विलय
को
तैयार
लेकिन
समय
नहीं
बचा
है।
मुलायम
ने
बंद
किए
थे
गठबंधन
के
दरवाजे
सपा
सुप्रीमो
मुलायम
सिंह
यादव
पहले
ही
महागठबंधन
की
बात
से
साफ
इनकार
कर
चुके
थे।
उन्होंने
कहा
था
कि
विलय
के
लिए
तैयार
हैं
लेकिन
गठबंधन
के
दरवाजे
बंद।
ऐसे
में
देखने
वाली
बात
यह
होगी
कि
पार्टी
के
भीतर
मचे
घमासान
के
बीच
क्या
एक
बार
फिर
से
सपा
सबसे
बड़ी
पार्टी
के
रूप
में
उभरने
में
सफल
होती
है
या
आपसी
फूट
के
चलते
प्रदेश
में
वोटों
का
बिखराव
जारी
रहता
है।