यूपी: रास्ते की दोबारा की फरियाद तो हाथ-पैर तोड़कर जेल भेज देंगे
बांदा। उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत बांदा जिले की नरैनी पुलिस 'समाधान दिवस' आयोजित कर रही है। यह कैसा 'समाधान' है कि फरियादी तहसील और पुलिस प्रशासन से आम रास्ता खुलवाने की मांग कर रहे हैं और पुलिस ऊपर अधिकारियों के पास जाने या दोबारा रास्ता मांगने पर 'हाथ-पैर तोड़ कर जेल भेजने की धमकी दे रही है।' मामला नरैनी कोतवाली के पनगरा गांव के मजरा गौर-शिवपुर का है।
राधे मां फिर विवादों में, जूते पहनकर की गंगा पूजा, तेज म्यूजिक पर किया अश्लील डांस
यहां सुकुर्ती पत्नी राजकुमार केवट, सोनिया पत्नी किसुल्ला केवट, कुसमा पत्नी गिल्हूं केवट आदि आधा दर्जन परिवार एक हफ्ते से पुलिस और तहसील प्रशासन की ड्योढ़ी में फरियाद कर बंद आम रास्ता खुलवाने की गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन नरैनी कोतवाली में शनिवार को आयोजित 'समाधान दिवस' में पीड़ित पक्ष के अलावा आरोपी पक्ष दयाराम व प्रकाश नाई को भी उपजिलाधिकारी (एसडीएम) नरैनी ने तलब किया और दोनों पक्षों के सुलह-समझौते में ढाई गांठा यानी करीब सोलह फुट रास्ता देने का निर्णय हुआ था, लेकिन समाधान करने गए उपनिरीक्षक और सिपाही ने 'गाठा' को 'फुट' में बदल दिया।
इतना ही होता तब भी गनीमत थी, वर्दीधारियों की धौंस तो देंखे, उन्होंने धमकी दी कि अगर फरियादियों ने उच्च अधिकारियों के पास गए या दोबारा रास्ता की फरियाद की तो पुलिस आरोपियों का तो कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी, लेकिन फरियादियों के हाथ-पैर तोड़ कर जेल जरूर भेज देगी। यह धमकी 'समाधान' करने गए पुलिस वालों की थी। इस संवाद को जरिए ई-मेल भेजी शिकायत में फरियादी महिला सरमन और कुसमा ने रविवार को बताया कि 'शनिवार की शाम एक दरोगा और सिपाही गांव गए और ढाई फुट का रास्ता दिला कर धमकी दी कि 'दोबारा रास्ता मांगने आए या फिर उच्च अधिकारियों के पास गए तो पूरे परिवार के सदस्यों के हाथ-पैर तोड़ कर को जेल भेज देंगे।'
यह महिलाएं कहती हैं कि 'अगर हम कोतवाली गए तो पुलिस बेइज्जती करेंगी।' लेकिन सीओ नरैनी ओमप्रकाश ने खुद फोन करके बताया कि 'पुलिस की इस हरकत की जांच कराई जाएगी और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया जाएगा।' अपर जिलाधिकारी बांदा गंगाराम गुप्ता से जब पुलिस की इस हरकत के बारे में की तो उनका कहना थ कि 'शासनादेश के मुताबिक कम से कम दो गांठा यानी बारह फुट का रास्ता दिया जाएगा। लेकिन पुलिस ने यह गड़बड़ी कैसी की, एसडीएम से बात करता हूं।' सबसे बड़ी बात यह है कि यह रास्ता अतिक्रमणकारियों की जमीन से नहीं, बल्कि बद्री यादव की भूमिधरी से दिया जाना है, जिसमे वह राजी है।