लखनऊ न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

रक्षाबंधन: छुआ-छूत, जात-पात से कहीं ऊपर है ये "रिश्ता प्यार का"

By Ajay Mohan
Google Oneindia News

[अजय मोहन] बाल चौपाल लगाकर गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिये मश्हूर लखनऊ के आनंद कृष्णा मिश्र की कोई सगी बहन नहीं है, लेकिन रक्षाबंधन पर उसे यह कमी कभी नहीं खलती है। ऐसा इसलिये क्योंकि लखनऊ की तमाम लड़कियां आनंद को राखी बांधने के लिये लालायित रहती हैं। इन सबके बीच इस साल का रक्षाबंधन आनंद के लिये खास होगा, क्योंकि उसे सात नई बहनें राखी बांधेंगी।

आनंद की सात नई बहनें

ये सात बहनें लखनऊ के आलमबाग के कलंदर खेड़ा की गरीब लड़कियां हैं, जो कभी स्कूल नहीं गईं। इन लड़कियों के माता-पिता काम पर चले जाते हैं और उन्हें घर पर रहकर अपने छोटे भाई-बहनों को देखना होता है। इस चक्कर में पढ़ाई से महरूम रह जाती हैं। आनंद कृष्णा ने जब इस इलाके में बाल चौपाल लगाई, तो सब बच्चे आये, लेकिन ये सात लड़कियां नहीं आयीं। बोलीं घर देखने वाला कोई नहीं है।

पढ़ें और जानें कौन है ये आनंद कृष्णा?

ऐसे में कृष्णा लगातार उनसे संपर्क करता रहा और उन्हें पढ़ाई के लिये प्रेरित किया और पढ़ाना शुरू कर दिया। आज ये लड़कियां लिखना-पढ़ना जानती हैं और ये सब सिर्फ आनंद की वजह से। यही कारण है कि इनमें से चंचल (नीचे पहली तस्वीर में) नाम की लड़की ने आनंद को राखी बांधने की इच्छा जताई।

सिटी मोन्टेसरी स्कूल में पढ़ने वाले आनंद कृष्णा ने छुआ-छूत, जात-पात को किनारे रख अपनी इस नई बहन चंचल से राखी बंधवाने का आतंत्रण प्रेम से स्वीकार किया है। बाल चौपाल के खास अभ‍ियान "रिश्ता प्यार का" के तहत कल रक्षाबंधन पर जब मलिन बस्त‍ियों की लड़कियां आनंद को राखी बांधेंगी तब आनंद इसी बस्ती के सभी लड़कों को राखी बांधेंगे।

आनंद ने वनइंडिया से बातचीत में कहा कि 29 अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों को "रक्षा सूत्र" बांधकर, "बाल चौपाल" उनके अधिकारों की सुरक्षा के अभियान की शुरुआत करेगी।

रिश्ता प्यार का

रिश्ता प्यार का

"रिश्ता प्यार का" कार्यक्रम की बात सुनकर बाल चौपाल से जुड़े बच्चे खुशी से झूम उठे।

आनंद के लिये स्पेशल हैं ये बच्चे

आनंद के लिये स्पेशल हैं ये बच्चे

गरीब बच्चे जिन्हें लोग दुत्कार देते हैं, वो आनंद के लिये स्पेशल हैं।

सपने ये भी देखते हैं

सपने ये भी देखते हैं

जिस तरह आपके बच्चे सपने देखते हैं, ये बच्चे भी सपने देखते हैं।

इन बच्चों को पढ़ाता है आनंद

इन बच्चों को पढ़ाता है आनंद

आनंद मलिन बस्ती में छुआ-छूत को किनारे रख इन बच्चों को पढ़ाता है।

स्पेशल हैं ये बच्चे

स्पेशल हैं ये बच्चे

ये बच्चे बहुत स्पेशल हैं, हमारी आपकी नजर में न सही लेकिन आनंद की नजर में जरूर।

ये प्यार अच्छा है

ये प्यार अच्छा है

वाकई में यह प्यार सबके लिये बहुत अच्छा है, हमें इससे प्रेरणा लेनी चाहिये।

Comments
English summary
This Rakshabandhan again a boy of Lucknow Anand Krishna has become inspiration for all those who want to do something for others.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X