लखनऊ में रहस्यमयी सुरंगों से उठेगा पर्दा, जल्द कर सकेंगे सैर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ऐतिहासिक इमारतों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन इन धरोहरों में कई ऐसी सुरंगे हैं जो आज भी लोगों के बीच कोतूहल का विषय है। लेकिन सरकार अब इन सुरंगो को फिर से खोलने की योजना बना रही है।
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प्रदेश की राजधानी में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इन सुरंगों को एक बार फिर से खोलने की योजना बनायी जा रही है। पर्यन विभाग पर्यटकों को इन सुरंगों की सैर कराने की योजना बना रहा है। पर्यटन विभाग हेरिटेज टनल टूरिज्म की शुरुआत करने जा रही है।
आपको बता दें कि इन सुरंगों का इस्तेमाल आपातकाल में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन एक बार फिर से इन सुरंगों का रंग-रोगन करके इन्हें पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। इन ऐतिहासिक भवनों को चिन्हित करके इनकी स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा।
लखनऊ में हुसैनाबाद से मोतीमहल तक एक सुरंग है जो कई छोटी-छोटी सुरंगों से जुड़ी है। यही नहीं रूमी दरवाजा, सतखंडा, पिक्चर गैलरी, छोटा व बड़ा इमामबाड़ा, कोठी फरहत बख्श, रेजीडेंसी, छतर मंजिल, लाल बारादरी, कोठी दर्शन विलास, बिबियापुर कोठी, गुलिस्तान-ए-इरम, कोठी रोशनुद्दौला, परी भवन, सआदत अली खां का मकबरा, मोती महल, लॉमार्टीनियर गर्ल्स और राजभवन की इमारतों में कई सुरंगे हैं।
इतिहासकारों के अनुसार 1960 में आई बाढ़ के चलते इन सुरंगो को दीवार से बंद कर दिया गया। इन सुरंगों में पानी भरने की वजह से इन इमारतों पर संकट मंडराने लगा था।