25 साल बाद अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने का मुलायम सिंह को है अफसोस
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट अब साफ दिखने लगी है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में मारे गये कारसेवकों पर आखिरकार 25 साल बाद चुप्पी तोड़ी है। आर्मी इंटेलीजेंस ने कैमरे में कैद की थी बाबरी मस्जिद गिराने की घटना!
तस्वीरों में देखिये एक अदद विकास की राह देख रही अयोध्या को
मुलायम सिंह यादव ने 1991 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के अपने आदेश पर अफसोस जताया है। उन्होने कहा कि मुझे मजबूरन मुख्यमंत्री होने के नाते 1991 में अयोध्या में गोली चलवानी पड़ी थी। बाबरी विध्वंस: मंदिर या मस्जिद के नाम पर दंगो से कहीं आगे बढ़ चुका है देश
वहीं मुलायम सिंह के बयान की उनकी ही पार्टी के नेता अबू आजमी ने आलोचना की है। आजमी ने कहा कि उस वक्त जो भी हुआ वो संविधान के अनुसार हुआ और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
कारसेवकों पर गोली चलवाने पर अफसोस जताते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि मस्जिद बचाने के लिए मुझे गोली चलवानी पड़ी थी जिसमें 21 लोगों की जान चली गयी थी।
वहीं उस समय संसद में अटल बिहारी बाजपेयी के दिये बयान पर भी जवाब देते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि अटलजी ने उनसे कहा था कि हमने 21 लोगों को मरवा दिया। जबकि मैंने कहा था कि 21 की बजाए 30 लोगों की जान जाती तो भी धार्मिक स्थल को बचाते।
1991 के अपने फैसले को सही ठहराते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि धर्मस्थल को बचाना मेरी जिम्मेदारी थी। लिहाजा मुझे मजबूरन गोली चलवानी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल बचाने के लिए अगर और लोगों की भी जान जाती तो मैं करता, इसीलिए नैतिकता के आधार पर मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।