लालू के फॉर्मूले पर मुलायम सिंह यादव की गणित
लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में सभी पिछड़ी जातियों को एक जुट कर उनके वोटबैंक को भुनाने के लालू प्रसाद यादव के फॉर्मूले को मुलायम सिंह यादव ने भी अपना लिया है, जिसका उत्तर 2017 में मिलेगा। भाजपा के तमाम विरोध के बावजूद मुलायम पिछड़ी जातियों के सम्मेलन को आयोजित करने में सफल रहे। खास बात यह है कि सम्मेलन में पिछड़ी जातियों के उत्थान से ज्यादा वोटों पर नजर टिकी रही।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पिछड़ी जातियों का आव्हान किया कि वे एकजुट हों और अपना हक पाने के लिए लखनऊ के बाद अब दिल्ली पर कब्जा करने में पीछे न रहें। उन्होने कहा समाजवादी सरकार ने अति पिछड़ों को अनुसूचित जाति की सुविधाएं देने की पहल की, लेकिन बसपा और कांग्रेस की सरकारों ने उनसे ये सुविधाएं छीन लीं। हम ये लड़ाई आगे भी लड़ेगें और प्रधानमंत्री जी से भी बात करेगें।
मुलायम ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि बसपा और कांग्रेस ने अति पिछड़ों का हक छीना तो जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार ने भी वही रवैया अपनाया तो उसका भी हश्र बुरा होगा। अब कोई पिछड़ों का हक नहीं छीन पाएगा।
इस सम्मेलन में सपा के कई बड़े-छोटे नेता मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रकोष्ठ के संयोजकगायत्री प्रसाद प्रजापति (कैबिनेट मंत्री) ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में शिवपाल सिंह यादव थे। डा. राजपाल कश्यप के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षामंत्री बलराम यादव, समाज कल्याण मंत्री रामगोविन्द चैधरी, मंत्री श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप, मंत्री श्री विनोद कुमार सिंह पंडित सिंह और मंत्री श्री शंखलाल मांझी ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया।