लखनऊ न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

यूपी का ऐसा गांव जहां जाति के चलते आज भी नहीं मिलता दलितों को अनाज

Google Oneindia News

झांसी। देश एक तरफ जहां सबका साथ सबका विकास की बात कर रहा है वहीं उत्तर प्रदेश के झांसी में आज भी दलितों का राशन कार्ड सिर्फ इसलिए फेंक दिया जाता है क्योंकि वो पिछड़ी जाति के हैं।

अब SC-ST समुदाय के लोग बेच सकते हैं अपनी जमीन अन्य जाति के लोगो को

उत्तर प्रदेश के झांसी के बुंदलेखंड़ के मऊनीपुर गांव में रहने वाले दलित आज भी पिछले दस साल से दलित होने का दंश झेल रहे हैं। यहां पिछले दस साल से बीपीएल कार्ड के तहत इन लोगों को राशन नहीं दिया गया है।

राशन की दुकान पर जब ये लोग राशन लेने जाते हैं तो इनका राशन कार्ड देखकर उसे फेंक दिया जाता है। यही नहीं आज भी इन्हें सिर्फ दलित होने के चलते कोई काम नहीं देता है।

झांसी के इस गांव की कुल आबादी चार हजार की है और यह झांसी से तकरीबन 65 किलोमीटर दूर है। इन गांवों दलिए अलग रहते हैं और इनकी कुल आबादी 1500 है। पिछले एक दशक से हो रहे भेदभाव को यहां के दलित परिवाऱ आज भी झेल रहे हैं।

यहां के ही एक निवासी जोकि दलित हैं उनका कहना है कि उनकी जाति के स्थान पर राशन कार्ड में चमार लिखा है जिसके चलते वह जब भी राशन की दुकान पर सामान लेने जाते हैं तो उन्हें सामान नहीं दिया जाता है।

झांसी के इस गांव में 123 लोगों के पास बीपीएल कार्ड हैं। इन लोगों को प्रति राशन कार्ड के हिसाब से 15 किलो गेंहू और 10 किलो चावल देना होता है लेकिन इन लोगों को राशन नही दिया जाता है।

Comments
English summary
Meet a village of Uttar Pradesh where people don't get cereal because of their cast. From more than 10 years this partiality is still on.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X