मायावती की सैंडल साफ करने वाले ने थामा भाजपा का दामन
लखनऊ। यूपी चुनावों से पहले तमाम ऐसे नेता हैं जो दल बदल की रेस में शामिल हैं, इसमें ना सिर्फ नेता बल्कि पूर्व पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। कभी मायावती की सैंडल साफ करने वाले पुलिस अधिकारी ने भी मायावती का साथ छोड़ दिया है।
अमर
सिंह
के
महासचिव
बनने
से
क्या
बढ़ेगी
सपा
में
कलह?
पद्म
सिंह
मायावती
के
सेक्युरिटी
इंचार्ज
थे,
वह
30
साल
से
अधिक
समय
तक
इस
जिम्मेदारी
को
निभाते
रहे,
उन्होंने
आखिरकार
मायावती
का
साथ
छोड़
भारतीय
जनता
पार्टी
में
शामिल
होने
का
फैसला
ले
लिया
है।
अमित शाह के सामने थामा भाजपा का हाथ
बुधवार को स्वामी प्रसाद मौर्या की लखनऊ में आयोजित रैली में पद्म सिंह स्टेज पर देखे गए, जिसने बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ा झटका दिया है। पद्म सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
पद्म सिंह उस समय चर्चा में आए थे जब वह 2011 में मायावती की सैंडल साफ करते हुए देखे गए थे। जिसके बाद इस बात की काफी चर्चा हुई थी किस तरह से सुरक्षा अधिकारी मायावती की चाटुकारिता कर रहे हैं।
पद्म सिंह मायावती के लिए इस वजह से भी खास थे क्योंकि वह जाटव समुदाय से आते हैं। उन्होंने 1985 से 2012 तक बतौर मायावती के मुख्य सुरक्षाकर्मी जिम्मेदारी संभाली थी।
राष्ट्रपति
पदक
से
हो
चुके
हैं
सम्मानित
पद्म
सिंह
ने
ना
सिर्फ
मायावती
बल्कि
नारायण
दत्त
तिवारी
व
कल्याण
सिंह
की
भी
सुरक्षा
की
जिम्मेदारी
संभाली
थी।
2004
में
डकैतों
से
लोहा
लेने
के
लिए
पद्म
सिंह
को
राष्ट्रपति
पदक
से
भी
सम्मानित
किया
जा
चुका
है।
दलित
समुदाय
से
आते
हैं
पद्म
सिंह
पद्म
सिंह
मायावती
के
साथ
हर
वक्त
साए
की
तरह
मौजूद
रहते
थे।
ऐसे
में
वह
मायावती
को
बेहतर
समझते
थे।
लेकिन
भाजपा
में
शामिल
होने
की
उनकी
अहम
वजह
यह
है
कि
वह
दलित
समुदाय
से
आते
हैं।
एक दलित को मंच पर जगह मिली, मेरे लिए खास दिन
पद्म सिंह ने खुद मंच से कहा कि भाजपा ने मेरे जैसे दलित अधिकारी को मंच पर बैठने का अवसर दिया यह उनके जीवन का अहम दिन है. यही नहीं पद्म सिंह ने प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि वह दलितों के लिए किए जा रहे कामों से काफी प्रभावित हैं। पद्म सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार दलितों को केंद्र में रखकर काम कर रही है जोकि सराहनीय है।
मायावती ने ही बढ़ाया था कार्यकाल
पद्म
सिंह
2010
में
सेवानिवृत्त
हो
गए
थे
लेकिन
मायावती
सरकार
ने
उनका
कार्यकाल
2012
तक
के
लिए
बढ़ा
दिया
था,
जिसके
बाद
वह
रिटायर
हो
गए
थे।
जिसके
बाद
वह
गांव-गांव
में
लोगों
से
जुड़
रहे
हैं।
मायावती
ने
बताया
फेल
रैली
वहीं
मायावती
ने
इस
रैली
को
पूर
तरह
से
विफल
बताया
और
उन्होंने
अमित
शाह
पर
पलटवार
करते
हुए
कहा
था
कि
उन्हें
यह
बात
हजम
नहीं
हो
रही
है
कि
दलित
की
बेटी
बंगले
में
रह
रही
है।