उत्तर प्रदेश में 1,177,933 बच्चे भूखे, नहीं मिल रहा पेटभर खाना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कुपोषण अपने पैर पसार रहा है। प्रदेश के 75 जिलों में 1,177,933 अतिकुपोषित बच्चे हैं, जो कि पोषण की कमी के चलते बदतर जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित किया है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि दो दिन अभियान चलाये जाने के बाद भी आधे अतिकुपोषित बच्चे अभी तक ढूंढें नहीं जा सके हैं।
प्रदेश में कुपोषित बच्चों की बढ़ती संख्या सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। पांच वर्ष की आयु के बच्चो की संख्या दो करोड़ 26 लाख 53 हजार 877 है। स्वास्थ्य विभाग ने अतिकुपोषण के लिए जो मानक तय किये हैं उसके अनुसार कुल 22 लाख 65 हजार 387 बच्चे अतिकुपोषित हैं।
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प्रदेश में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए मुख्य सचिव ने सभी 75 जिलों के डीएम को बच्चों के वजन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी जिसमें निकले आकड़े चौंकाने वाले थे।
सरकार रेड जोन के बच्चों को येलो जोन में लाने की कोशिशों में जुटी है। रेड जोन में उन बच्चों को रखा जाता है जो अपनी आयु की तुलना में बेहद कमजोर होते हैं। जबकि येलो जोन में उन बच्चों को रखा जाता है जोकि कुपोषित और स्वस्थ्य बचपन की सीमारेखा पर होते हैं।
पांच वर्ष से कम बच्चे
उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष से कम आयु के कुल 22,653,877 बच्चे हैं।
कुपोषण की जांच
कुल 19,709,707 बच्चों के कुपोषण की जांच के लिए उनका वजन किया गया।
22 लाख बच्चे अतिकुपेषण के शिकार
वजन किये गये बच्चों में 2,265,387 बच्चों अतिकुपोषण का शिकार पाये गये।
11 लाख को चिन्हित किया गया
जिनमें से 1,177,933 बच्चों की पहचान की गयी है।
10 लाख बच्चे छंट गये
1,087,454 बच्चों को अभी चिन्हित नहीं किया जा सका है।
3.45 करोड़ बच्चे नहीं जाते स्कूल
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