लव जिहाद गैर इसलामिक: मुस्लिम धर्मगुरु
लखनऊ।
बीते
दिनों
से
चलन
में
आया
शब्द
'लव
जिहाद'
दरअसल
लड़कियों
की
गैर
धर्म
में
शादी
के
बाद
शोषण
से
पैदा
हुआ
है।
इस
पूरी
वाकये
पर
जन
समुदाय
की
अपनी-अपनी
राय
है।
मुसलिम धर्मगुरुओं ने बेबाकी से अपनी राय जाहिर करते हुए कहा है कि मुल्क में विवाह के लिए हिंदुओं के धर्मातरण के लिए ‘लव जिहाद' ऐसी कोई मुहिम नहीं चल रही है। भगवा दल ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह 'नया शब्द' पिरोया था।
पढ़ें-
लव
जिहाद
का
सच
इस
पूरे
मसले
पर
मुसलिम
पर्सनल
लॉ
बोर्ड
के
सदस्य
मौलाना
खालिद
रशीद
फरंगी
महली
ने
कहा,
लव
जिहाद
जैसी
कोई
भी
चीज
गैर-इसलामी
और
निंदा
के
योग्य
है।
हालांकि
इस
तरह
का
टर्म
उन
घटनाओं
से
चर्चा
में
आया
जब
प्रेम
जाल
में
फंसाकर
लड़की
का
शोषण
किया
गया।
पूरे मसले पर भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य दल इस पर बयान देते हुए इसे घृणित बता रहे हैं। एक वर्ग इस पर विशेष समुदाय को निशाना बनाकर 'लव जिहाद' को नए सिरे से पेश कर रहा था। पूरे बयान के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह का कोई भी वाकया धर्म विरुद्ध है।