कैराना मुद्दे पर भाजपा फिर से कसेगी कमर, नई योजना के तहत होगा काम
लखनऊ। यूपी चुनाव के ध्रुवीकरण की आशंका का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। पश्चिमी यूपी में कैराना पलायन का मुद्दा एक बार फिर से अमह मुद्दा हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को नए सिरे से धार देने की तैयारी में जुट गई है।
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बड़े नेता इस बार रहेंगे दूर
कैराना पलायन के मुद्दें को भारतीय जनता पार्टी अलग नजरिए से इस बार लेकर उतरेगी। इस बार भाजपा के स्थानीय नेता इसकी कमान संभालेंगे, जबकि केंद्र व राज्य के बड़े नेता इससे दूर रहेंगे।
भारत
के
रुख
से
डरा
पाक,
WTO
से
लगाई
भारत
को
रोकने
की
गुहार
मानवाधिकार
आयोग
की
रिपोर्ट
के
बाद
बनी
रणनीति
दरअसल हाल ही में मानवाधिकार आयोग ने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट दी है, इस रिपोर्ट में आयोग ने पलायन की पुष्टि की है और सरकार से इस बाबत सवाल पूछा है कि इन लोगों के लिए क्या व्यवस्था की गई है उसकी जानकारी दी जाए।
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कोझिकोड
में
हुआ
मंथन
हाल
ही
में
केरल
के
कोझिकोड
में
हुई
भारतीय
जनता
पार्टी
की
राष्ट्रीय
परिषद
की
बैठक
में
संयुक्त
संगठन
के
महासचिव
शिव
प्रकाश
ने
इस
मुद्दे
पर
अहम
मंथन
की
अगुवाई
की,
जिसके
बाद
इस
मुद्दे
पर
नई
रणनीति
बनाई
गई
है।
शुरुआती
चरण
में
पश्चिमी
यूपी
पर
नजर
बैठक
में
जो
नई
रणनीति
बनाई
गई
है
उसके
मुताबिक
इस
मुद्दे
को
शुरुआती
चरण
में
पश्चिमी
यूपी
तक
ही
सीमित
रखा
जाएगा।
इसक
मुहिम
की
खास
बात
यह
रहेगी
कि
इसे
चुनाव
तक
जिंदा
रखने
की
कोशिश
की
जाएगी।
समीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा दायरा
हालांकि इस मुहिम से केंद्र व राज्य के आला नेताओं को फौरी तौर पर दूर रहने को कहा गया है, लेकिन इस आंदोलन की समय समय पर समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इन नेताओं को भी मैदान में उतारा जाएगा। इसके साथ ही समीझा के बाद इस आंदोलन को पश्चिमी यूपी से अन्य इलाकों में भी इसे बढ़ाया जा सकता है।