यूपी में पत्रकार का कत्ल, क्या मंत्री को निकालेंगे अखिलेश यादव?
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला)। पत्रकार जोगेन्द्र सिंह मर्डर केस में कथित रूप से फंसे है। कायदे से अखिलेश यादव को पत्रकार हत्याकांड की हत्या के मामले में मंत्री राममूर्ति सिंह से इस्तीफा ले लेना चाहिए था।
उन पर तमाम आरोप लगते रहे हैं। उनकी गुडंई से सब वाकिफ हैं। इसके बावजूद उन्हें अखिलेश यादव ने अभी तक उन्हें उनके पद से हटाया नहीं है। और इस मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए था।
गजब का पत्रकार
इस देश में बहुत से पत्रकार और लोकतंत्र के सिपाही अभिव्यक्ति की आजादी को कायम करने को लेकर शहीद हुए है। जोगेंद्र सिंह उनमे से एक है। लेकिन अजीब बात है कि इस पर न हमारे प्रधानमंत्री कुछ बोल रहे हैं न मुख्यमंत्री। न ही वे अदालतें जो गंदे नालों के प्रवाह को रोकने का मसला स्वतः संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी कर देती है। अपने टाइमलाइन पर जोगेंद्र ने जो लिखा है वही काफी है।
कड़ी कार्रवाई
दिल्ली प्रेस क्लब के सदस्य दिनेश तिवारी ने कहा कि अखिलेश यादव को पत्रकार की हत्या के मामले में मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जोगेन्द्र सिंह बेहद ईमानदार पत्रकार थे। इसलिए ही उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
इससे पहले भी राममूर्ति सिंह वर्मा पर तमाम आरोप लगते रहे हैं। उन पर वक्फ की जमीन कब्जा करने का आरोप लगा है। वक्फ बोर्ड उन पर सत्ता का दुरुपयोग कर जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाता रहाहै।
वक्फ का आरोप रहा है कि अपनी पार्टी के कार्यकर्ता गुफरान और सलीम अख्तर के माध्यम से मंत्री जी ने वक्फ की संपत्ति को शाहजहांपुर में कब्जाने की कोशिश की।