लखनऊ में बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर, 30 मिनट में एयरपोर्ट पहुंची एंबुलेंस
लखनऊ। जहां चाह है वहां राह है और यह कहावत जीवन के हर क्षेत्र में लागू होती है। इस कहावत को लखनऊ पुलिस ने दिल्ली में एक मरीज की जान बचाने के लिए सच कर दिखाया है। बुधवार को लखनऊ पुलिस ने एक ब्रेन डेड महिला की लीवर को अमौसी एयरपोर्ट पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया।
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जिसकी मदद लीवर को महज 24 मिनट में मेडिकल कॉलेज से अमौसी एयरपोर्ट पहुंचाया गया। केजीएमयू से अमौसी एयरपोर्ट की दूरी 28 किलोमीटर है जिसे तय करने तकरीबन एक घंटे से अधिक का समय लगता है इसकी खास वजह है इस रूट पर लगने वाल जाम। लेकिन लीवर को एयरपोर्ट पहुंचाने के लिए इस एंबुलेंस को 86 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से रवाना किया गया।
ग्रीन कॉरीडोर केजीएमयू से हजरतगंज, राजभवन, अहिमामऊ और शहीदपथ के रास्ते एयरपोर्ट तक बनाया गया था। हर अहम चौराहे पर दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इस कार्य का जिम्मा सीओ और एसपी स्तर के अधिकारी शामिल थे। यही नहीं एंबुलेंस के आगे एक इंटरसेप्टर भी लगी थी जो ट्रैफिक का एंबुलेंस के लिए साफ कर रही थी।
डॉ अभिजीत चंद्रा ने बताया कि जिस महिला ने अपना लीवर डोनेट किया है उसका नाम विनीत सक्सेना है और वह अविवाहित है। उनके भाई आलोक सक्सेना केजीएमसी की डिस्पेंसरी में तैनात हैं और वह उन्हीं के साथ रहती थी, उनकी उम्र 55 वर्ष थी। विनीत अलीगंज के नीरा नर्सिंग होम में भर्ती थी जहां उनका ब्रेन डेड हो गया था।
जिसके बाद उनके भाई आलोक ने उनके अंगों को दान देने का फैसला लिया। एसपी ट्रैफिक हबीबुल हसन इसे अपने कार्यकाल का सबसे अच्छा काम बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम 20 मिनट में भी एंबुलेंस को एयरपोर्ट पहुंचा सकते थे। लेकिन डॉक्टरों ने 90 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उपर जाने को मना किया था।