उमा-अखिलेश को साथ लायी गोमती जानिए कैसे?
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में होने हैं, जाहिर है उमा भारती जब प्रचार करने उतरेंगी तो प्रदेश सरकार की बखिया उधेड़ने में जरा भी पीछे नहीं रहेंगी, और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी केंद्र को कोसने में पीछे नहीं हटेंगे। चुनावी महासागर में एक नौका ऐसाी है, जिसमें उमा-अखिलेश साथ बैठे हैं। और वो नौका इस वक्त गोमती नदी के तट पर ठहरी हुई है।
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जी हां उमा-अखिलेश ने मिलकर लखनऊ में गोमती नदी का सफाई अभियान काफी तेजी से चल रहा है। गोमती सफाई अभियान में ना सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकार भी अहम भूमिका निभा रही है। अखिलेश यादव ने तमाम आला अधिकारियों को गोमती नदी को स्वच्छ बनाने के लिए अहम कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने गोमती के सौंदर्यीकरण के लिए अधिकारियों को अहम निर्देश देते हुए जल्द से जल्द इसके क्रियान्वयन के आदेश दिये हैं।
गोमती नदी पर सिंगापुर के रिवर फ्रंट जैसा रिवरफ्रंट
अखिलेश ने निर्धारित समय सीमा के भीतर गोमती नदी के सौंदर्यीकरण के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। मुख्यंत्री खुद गोमती के सौंदर्यीकरण के कार्य की समीक्षा भी कर रहे हैं। गोमती के सैंदर्यीकरण के लिए दो वर्ष की समय सीमा निर्धारित किया गया है। गोमती नदी के सौन्दर्यीकरण परियोजना के अन्तर्गत गोमती के रिवर फ्रण्ट को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने हेतु कंसल्टेन्ट उस संस्था को नियुक्त किया गया है, जिसने सिंगापुर, मलेशिया में रिवर फ्रण्ट का डिजाइन किया था।
रिवर फ्रंट बनने पर क्या-क्या होगा खास आइये पढ़ें स्लाइडर में-
अहम टूरिस्ट स्पॉट होगा गोमती रिवर फ्रंट
रिवरफ्रण्ट परियोजना में हरियाली, साइकिल ट्रैक, जॉगिंग ट्रैक, स्पोट्स ज़ोन जैसी आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति का समावेश भी किया गया है। गोमती को सदानीरा बनाए रखने के लिए इसे शारदा सहायक से जोड़ा जाएगा।
सफाई ऐक्शन प्लान
गोमती को स्वच्छ बनाये रखने के लिए अखिलेश ने प्लान भी तैयार किया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि अगर गोमती में प्रदूषित जल स्रोतों को जाने से रोक दिया जाए तो यह अपने आप ही साफ हो जायेगी।
बंद होंगे गोमती में खुलने वाले नाले
गोमती में मिलने वाली अन्य नदियों, छोटे-बड़े नालों और अन्य स्रोतों के प्रदूषण को खत्म करने की भी योजना बना रहे हैं।
नदी में नहीं जायेगा कचरा
शहरों में अवस्थापना, सुविधाओं में सुधार तथा कूड़े-कचरे निस्तारण का उचित प्रबन्धन किये जाने पर जोर दिये जाने पर अखिलेश यादव नजर बनाये हुए हैं।
1000 करोड़ रुपए होंगे खर्च
गोमती तट विकास परियोजना के लिए प्रदेश सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की व्यवस्था की है।
साफ होंगे गंदे नाले
गोमती में गिरने वाली नालियां और गन्दे नाले साफ हो जाएंगे तो गोमती स्वतः अपने प्राकृतिक स्वरूप को प्राप्त कर लेगी और स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित हो जाएगी।
गोमती में रबर डैम
गोमती नदी में वर्षा जल के संरक्षण हेतु देश में पहली बार रबर डैम का प्रयोग किया जा रहा है।
डाइफ्राम वॉल रोकेगी गंदा पानी
गोमती में चैनल बनाने के लिए 12 किमी0 लम्बी डाईफ्राम वॉल 16 मीटर गहरी बनायी गई है। इन बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए गन्दे पानी को गोमती नदी में गिरने से रोकने के लिए 27 किमी समानांतर ड्रेन बनायी जा रही है।
बायोटेक प्लांट
नालों में प्रवाहित हो रहे गन्दे जल को बायो टैक्नोलॉजी के माध्यम से शोधित करने का पायलेट प्रोजेक्ट चालू किया गया है।
छह महीने पहले पूरा हो सकता है काम
गोमती नदी के सौन्दर्यीकरण के कार्य को दो साल की तय समयसीमा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो सभी काम तय समयसीमा से छह महीने पहले ही पूरा हो सकता है।