गायत्री प्रजापति का चरणवंदन और अखिलेश कैबिनेट में अभिनंदन
लखनऊ। भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के बीच एक बार फिर से गायत्री प्रजापति की अखिलेश यादव के मंत्रीमंडल में वापसी हो गई है। गायत्री प्रजापति की एक बार फिर से मंत्रीमंडल में वापसी ने साफ कर दिया है कि सपा परिवार में उनकी कितनी मजबूत पैठ है। राहुल के रोड शो में भारी भीड़ के बीच असल वोट बैंक की हकीकत
इस
एप
को
डाउनलोड
करते
ही
प्रेग्नेंट
हो
जाएंगी
महिलाएं
शपथग्रहण
के
बाद
गायत्री
प्रजापति
ने
सपा
सुप्रीमो
मुलायम
सिंह
यादव
व
मुख्यमंत्री
अखिलेश
यादव
का
पैर
छूकर
आशीर्वाद
लिया।
गायत्री
प्रजापति
को
मुलायम
सिंह
यादव
का
करीबी
माना
जाता
है,
माना
जाता
है
कि
नेताजी
के
हस्तक्षेप
के
चलते
ही
गायत्री
प्रजापति
की
एक
बार
फिर
से
मंत्रीमंडल
में
वापसी
हुई
है।
RSS
को
मात
देने
के
लिए
कांग्रेस
चली
भाजपा
की
राह
पर
मेरे
कहने
पर
नहीं
मिला
मंत्री
पद-
मुलायम
हालांकि
गायत्री
प्रजापति
की
कैबिनेट
में
वापसी
के
बाद
मुलायम
सिंह
यादव
ने
कहा
कि
गायत्री
को
मैंने
मंत्री
नहीं
बनाया
मैंने
सिर्फ
सिफारिश
की
और
मुख्यमंत्री
ने
मेरी
बात
को
माना
यह
अच्छी
बात
है।
लेकिन यहां एक बात यह समझने वाली है कि अखिलेश यादव हर मौके पर कहते रहे हैं कि नेताजी का आदेश कोई नहीं टाल सकता, ऐसे में मुलायम सिंह का सुझाव अखिलेश यादव के लिए आदेश के तौर पर ही देखा जाना चाहिए
गायत्री
प्रजापति
को
बताया
कर्मठ
नेता
मुलायम
सिंह
यादव
ने
गायत्री
प्रजापति
की
तारीफ
करते
हुए
कहा
कि
पार्टी
का
कर्मठ
कार्यकर्ता
और
वफादार
है।
वह
पिछड़ी
बिरादरी
प्रजापति
से
आते
है।
ऐसे
में
गायत्री
प्रजापति
की
कैबिनेट
में
वापसी
के
पीछे
उनकी
मुलायम
सिंह
के
करीबी
होने
के
अलावा
उनका
दलित
वर्ग
से
आना
भी
माना
जा
रहा
है।
मायावती
ने
बताया
भ्रष्टाचार
बेलगाम
वहीं
सपा
सरकार
के
कैबिनेट
विस्तार
पर
बसपा
सुप्रीमो
मायावती
ने
हमला
बोलते
हुए
कहा
कि
सपा
सपा
सरकार
में
कानून
व्यवस्था
खराब
है,
इस
सरकार
में
भ्रष्टाचार
बेलगाम
है।
अखिलेश
यादव
के
लिए
बड़ी
चुनौती
आपको
बता
दें
कि
गायत्री
प्रजापति
बतौर
खनन
मंत्री
रहते
कई
भ्रष्टाचार
के
आरोप,
यहां
तक
कि
कोर्ट
ने
खनन
घोटाले
में
सीबीआई
जांच
के
आदेश
भी
दिए
हैं।
माना
जा
रहा
था
उन्हें
पार्टी
से
बर्खास्त
करने
के
पीछे
अखिलेश
यादव
का
पार्टी
को
साफ
छवि
को
बनाए
रखना।
लेकिन
गायत्री
प्रजापति
की
फिर
से
कैबिनेट
में
वापसी
अखिलेश
यादव
के
फैसले
पर
सवाल
उठाती
है।