अखिलेश के सख्त तेवर ने आखिरकार रद्द किया अंसारी की पार्टी का विलय
लखनऊ। आखिरकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में परिवार के दबाव के उपर उठकर मुख्तार अंसारी की पार्टी के सपा में विलय को रद्द करवा दिया। मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय के तीन दिन बाद परिवार की उठापटक आखिरकार समाप्त हो गयी और कौमी एकता दल के सपा में विलय को वापस ले लिया गया है।
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यही नहीं कौमी एकता दल के सपा में विलय के पीछे मास्टर माइंड माने जाने वाले बलराम यादव की भी मंत्रालय में वापसी तय हो गयी है। उन्हें फिर से माध्यमिक शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जाएगा। अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने खुलकर बोलते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी का सपा में स्वागत नहीं किया जाएगा। हम ऐसे लोगों को पार्टी में नहीं लाना चाहते हैं।
अखिलेश यादव ने पहले भी अंसारी के पार्टी में विलय के खिलाफ नाराजगी जतायी थी। उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के कैबिनेट का 27 जून को विस्तार होगा। ऐसे में अखिलेश यादव उन सभी नामो पर चर्चा करना चाहेंगे जिसके जरिए आगामी चुनाव के समीकरण को साधा जा सके।
अखिलेश के तेवर बदल रहे हैं सपा की कार्यशैली को
समाजवादी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी रामगोपाल यादव ने भी कौमी एकता दल के सपा में विलय पर सफाई देते हुए कहा कि संसदीय बोर्ड की बैठक में इस बात का फैसला लिया गया है कि यह विलय नहीं होगा। गौरतलब है कि कौमी एकता दल के विलय का 21 जून को शिवपाल सिंह यादव ने ऐलान किया था। जिसके तुरंत बाद अखिलेश यादव ने इस फैसले के पीछे मास्टर माइंड बलराम यादव को उनके मंत्री पद से हटा दिया था।