फेक क्रिमिनल बनाए जाने पर परिवार संग की आत्मदाह की कोशिश
जेल से आने के बाद पीड़ित गुलाम मुस्तफा ने फर्जी नाम पर जेल भेजने के मामले में धारा 419, 420 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। लोकिन स्थानीय पुलिस ने आरोपियों को बचाते हुए उसमे फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
गोरखपुर। पुलिस की उदासीन रवैया और फर्जी अभियुक्त बनाये जाने के विरोध में न्याय मांगते-मांगते त्रस्त हो चुके एक परिवार ने आज जिलाधिकारी कार्यालय पर आत्मदाह की कोशिश की। पहले से सुचना पाकर अपनी नाकामी को ढ़कने के लिए तैनात पुलिस ने समय रहते इन सबको आत्मदाह करने से रोक लिया। हालांकि परिवार के लोगों ने तबतक मिट्टी का तेल अपने उपर छिड़क लिया था। जानकारी के अनुसार चिलुआताल थाना क्षेत्र के फतेहपुर डिहवा गांव के रहने वाले पूर्व एफसीआई कर्मचारी गुलाम मुस्तफा और उनकी पत्नी हदीशुन निशा को गाँव के ही कल्लु और उसकी पत्नी जैबुन निशा के नाम पर चिलुआताल थाने की पुलिस ने फर्जी तरीके से मुकदमे में फंसाकर जेल भेज दिया था।
जेल से आने के बाद पीड़ित गुलाम मुस्तफा ने फर्जी नाम पर जेल भेजने के मामले में धारा 419, 420 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। लोकिन स्थानीय पुलिस ने आरोपियों को बचाते हुए उसमे फाइनल रिपोर्ट लगा दी। जिसमें न्यायालय ने रिपोर्ट खारिज कर दोबारा एलआईयू से जांच कराया तो पूरा मामला साफ हो गया और फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इसके बावजूद उस मुकदमे मे स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। इसी को लेकर आज गुलाम मुस्तफा का पूरा परिवार जिलाधिकारी कार्यालय पर आत्मदाह करने पहुच गया। पीडि़तों ने अपने तेल छिड़क लिया लेकिन तबतक पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। बाद में पीडि़तों ने अपना पूरा दुखड़ा सुनाया।
आत्मदाह की सूचना और परिवार के हंगामे के बाद एसपी सिटी हेमराज मीणा भी मौके पर पहुच गए। हेमराज मीणा ने बताया कि पुलिस ने सही विवेचना किया है। साथ ही ये लोग एक वृद्ध की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इनको पूरी बात बताया भी गया है, अब इन्हें अरेस्ट कर थाने ले जाया गया है।
फिलहाल न्याय की मांग कर रहे इन परिवारो का सब्र आज जबाब दे गया और आत्मदाह की कोशिश कर दिए। और एसएसपी ने पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर आत्महत्या का मुकदमा दर्ज करने का आदेश भी दे दिया। जबकि जिम्मेदार अफसरों को इस पुरे मामले में एक जांच समिति बनाकर जाँच करने की जरूरत थी। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता।