यूपी में हुए नये एक्सपेरीमेंट पर विकास की रफ्तार धीमी!
लखनऊ।
उत्तर
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
अखिलेश
यादव
ने
अपने
कार्यकाल
में
राज्य
में
नवीन
प्रयोगों
को
लेकर
दावे
तो
बहुत
किए
पर
हकीकत
में
इसकी
तस्वीर
कुछ
और
ही
कहानी
बयां
कर
रही
है।
अखिलेश
अपने
कार्यकाल
में
अभी
तक
एक
भी
नए
प्रयोग
को
अमल
में
नहीं
ला
सके
हैं।
सूचना
के
अधिकार
(आरटीआई)
से
हासिल
जानकारी
में
यह
खुलासा
हुआ
है।
यह खुलासा लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई से हुआ है। दरअसल, संजय के आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक सुधार विभाग के उपसचिव भवेश रंजन शर्मा की ओर से जो उत्तर मिला है, उसने नवीन प्रयोगों को लेकर किए गए सरकारी दावों की पोल खोल दी है।
संजय ने बताया कि बीते वर्ष जनवरी में उत्तर प्रदेश शासन के प्रशासनिक सुधार विभाग ने राज्य के सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को उनके विभागों द्वारा किए जा रहे नवीन प्रयोग से प्रशासनिक सुधार विभाग को अवगत कराने के निर्देश दिए थे । उन्होंने फिर प्रशासनिक सुधार विभाग को इन नवीन प्रयोगों की जानकारी को केंद्र सरकार को भेजने के लिए कहा था।
इनोवेशन को बढ़ावा
संजय ने यह जानकारी हासिल करने के लिए पिछले वर्ष 10 फरवरी को प्रशासनिक सुधार विभाग के कार्यालय में एक आरटीआई दायर की थी।
आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत हालांकि, 30 दिनों में ही सूचना देने की अनिवार्यता है, लेकिन आरटीआई एक्ट के नोडल विभाग ( प्रशासनिक सुधार विभाग) की उदासीनता के चलते संजय को यह सूचना प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा 11 महीने बाद दी गई है।
संजय को 12 जनवरी 2015 को दिए गए जवाब में प्रशासनिक सुधार विभाग के उपसचिव भवेश रंजन ने स्वीकार किया है कि नवीन प्रयोग के संबंध में अभी तक उत्तर प्रदेश शासन के किसी भी विभाग से कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास प्रक्रिया को तेज गति प्रदान करते हुए नए-नए उपाय ढूंढने को सम्मिलित करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 'प्रदेश इनोवेशन परिषद' का गठन भी किया है। इसमें नियोजन, प्राविधिक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा, उद्योग, कृषि विभागों के प्रमुख सचिवों सहित 21 सदस्यों को नामित किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, यह परिषद राज्य में इनोवेशन को प्रोत्साहित करेगी और प्रदेश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों आदि संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा देगी।
परिषद का यह भी दायित्व है कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में इनोवेशन के हुए कार्यो को सूचीबद्घ करेगी, इनोवेशन करने वालों को पुरस्कृत करेगी तथा उनके कार्यो का प्रचार-प्रसार करेगी, इनोवेशन के संबंध में जन जागरण एवं जनमत तैयार करने के लिए सम्मेलन, व्याख्यान, एवं कार्यशाला इत्यादि का आयोजन करेगी।
यह परिषद इनोवेशन के प्रोत्साहन के लिए वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था, अनुकूल वातावरण का सृजन तथा दीर्घकालीन योजनाओं की तैयारी भी करेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।