यूपी में हत्या के डर से नौकरी छोड़ दी थी डिप्टी एसपी ने
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बने उत्तम प्रदेश इस नारे को आपने यूपी के संदर्भ में जरूर सुना होगा। लेकिन जिस प्रदेश में डिप्टी एसपी अगर इसलिए नौकरी छोड़ दे कि उसकी जान को खतरा है तो उस प्रदेश की कल्पना आप खुद कर सकते हैं।
यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्यवाही करना 2004 में एसटीएफ के तत्कालीन डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह को महंगा पड़ गया था। मामला इस कदर बढ़ा कि मौत के डर से शैलेंद्र सिंह को पुलिस की नौकरी तक छोड़नी पड़ गयी।
हाल ही में जिस तरह से अमिताभ ठाकुर के खिलाफ साजिश रची जा रही प्रदेश में उस वाकये के बाद शैलेंद्र सिंह ने एक साक्षात्कार में आपबीती बताते हुए कहा कि एक दौर था जब प्रदेश की राजनीति को माफिया और अपराधी कंट्रोल करते थे। शैलेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्तार अंसारी के घर से वेड मशीन गन बरामद की थी। जिसके बाद उनके उपर काफी दबाव बनने लगा था कि मैं इस मामले को आगे ना बढ़ाऊ।
शैलेंद्र सिंह बताते हैं कि जिस वक्त यह मामला सामने आया था उसके बाद मैंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त मुझे एक वरिष्ठ जज ने अपने घर बुलाकर कहा था कि तुमने सही समय पर सही फैसला लिया, तुम्हे मारने के लिए हाई लेवल पर प्लानिंग बनायी जा रही थी। शैलेंद्र सिंह ने बताया कि जज ने उनसे कहा कि अगर वह नौकरी नहीं छोड़ते तो उनका तबादला सीमा पर किया जाता जहां क्रास फायरिंग में तुम्हारी मौत की खबर बता दी जाती।