यूपी के मुख्य सचिव दीपक सिंघल की छुट्टी, राहुल भटनागर ने ली जगह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में पिछले चौबीस घंटों में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। पहले दो कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी की गई और अब यूपी के चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल को मुख्य सचिव के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह राहुल भटनागर को प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया गया है।
अखिलेश मंत्रिमंडल से अपने करीबी मंत्रियों की छुट्टी पर क्या बोले मुलायम?
सिंघल को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का करीबी माना जाता था। खुद अखिलेश यादव ने उनके काम की तारीफ स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर समिट में की थी। उन्होंने कहा था कि दीपक जी जैसा मुख्य सचिव हो तो काम की रफ्तार बढ़ जाती है। ऐसे में दीपक सिंघल को हटाए जाने के बाद यूपी की सियासत में एक बार फिर से हलचल बढ़ गई है।
अमर सिंह के कार्यक्रम में जाना पड़ा महंगा
माना जा रहा है कि हाल ही में दीपक सिंघल दिल्ली में अमर सिंह के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में शिवपाल सिंह, मुलायम सिंह यादव शामिल हुए थे, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। सूत्रों की मानें तो दीपक सिंघल की अमर सिंह की बढ़ती करीबी के चलते उन्हें मुख्य सचिव के पद से हटाया गया है।
अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं राहुल भटनागर
राहुल भटनागर ने यूपी में आने के बाद गन्ना और चीनी मिलों को शुरु करने में अहम भूमिका निभाई थी। यही नहीं गन्ना मिलो में किसानों के भुगतान में भी राहुल भटनागर ने काफी अहम रोल अदा किया था। उन्हें तेज तर्रार प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर देखा जाता है। जिसके चलते उन्हें यूपी का मुख्य सचिव बनाया गया है।
राहुल भटनागर को शांत स्वभाव का अधिकारी माना जाता है और उन्हें भी मुख्यमंत्री का खास माना जाता है। उन्हें बेदाग छवि का अधिकारी के रूप से पहचाना जाता है। ऐसे में उन्हें प्रदेश का मुख्य सचिव बनाए जाने के पीछे की अहम वजह यह मानी जा रही है कि आगामी चुनाव को मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।
सपा का पक्ष
सपा के नेता नावेद सिद्दीकी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का यह विशेष अधिकार है कि वह किसी भी मंत्री का प्रमोशन व डिमोशन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह अचानक लिया गया फैसला नहीं है, यह रणनीति के तहत और काम की छानबीन के बाद ही फैसला लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि किसी को हटाए जाने का मतलब यह नहीं होता है कि उनका डिमोशन किया गया है बल्कि उन्हें बेहतर जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी कोई भी गलत फैसला ले नहीं सकते हैं, हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं।
क्या बोला विपक्ष ने
वहीं कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि तीन महीने पहले ही दीपक सिंघल को मुख्य सचिव बनाया गया था। ऐसे में इतने छोटे कार्यकाल के बाद क्यों मुख्य सचिव को हटाया गया यह मुख्यमंत्री को बताना चाहिए। राजपूत ने कहा कि यह परिवार के भीतर चल रही राजनीति का यह परिणाम है। इससे विकास तो हो नहीं रहा है और ना ही कानून व्यवस्था सुधर रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार के भीतर सुप्रीमेसी की इस लड़ाई में यह फैसला लिया गया है।