बसपा के प्रदर्शन को कोर्ट ने बताया प्रशासनिक चूक, दोषियो पर हो कार्यवाही
लखनऊ। भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह के विवादित बयान के बाद जिस तरह से बसपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने लखनऊ के हजरतगंज में प्रदर्शन किया उसे कोर्ट ने प्रशासनिक चूक बताया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस पूरे मामले में उचित कार्यवाही करने को कहा है।
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कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा है कि दोषियों पर कार्यवाही करते हुए कानून व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि भविष्य में इस तरह के प्रदर्शन से निपटने के लिए क्या इंतजाम किये जा रहे है। इस पूरे मामले पर कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। मामले की सुनवाई 23 अगस्त को होगी।
हाई कोर्ट में दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एपी साही और जस्टिस विजय लक्ष्मी ने यह आदेश दिया है। यह पीआईएल 57 वर्ष की महिला ने दायर की थी जब उनके बच्चे इस प्रदर्शन में दी जा रही गालियों के बारे में घर पर बता रहे थे। गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती की तुलना वेश्या से की थी जिसके बाद भाजपा ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
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पार्टी से निष्कासित होने के बाद दयाशंकर सिंह ने अपने बयान पर मांफी तो मांगी थी लेकिन वह अभी भी अपनी इस बात पर कायम थे कि मायावती टिकटों का सौदा करती हैं। जिसके बाद बसपा सड़क पर प्रदर्शन करने उतरी और दयाशंकर सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ विवादित नारे लगाये थे जिसके बाद स्वाति सिंह ने मायावती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी।