लखनवी चिकन पर ड्रैगन की नजर, 5 लाख लोगों पर मंडरा रहे खतरे के बादल
लखनऊ। दुनियाभर में मशहूर लखनऊ चिकन पर अब ड्रैगन की नजर पड़ गयी है। सदियों की विरासत पर चीन ने अपनी नजरें गड़ा दी हैं और बाजार में लखनवी चिकन को टक्कर देने के लिए अपना उत्पाद उतार दिया है। चीन के दखल की बदौलत दुनियाभर में होने वाली लखनवी चिकन की खपत में 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है। चीनी चिकन की खपत अब दुनियाभर में तीस फीसदी बढ़ चुकी है।
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चीन के चिकन बाजार में उतरने की वजह से लाखों लोगों के रोजगार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। एसोचैम की रिपोर्ट की मानें तो उत्तर प्रदेश के पाचं लाख लोगों के रोजगार पर चीन के चिकन के चलते खतरा मंडरा रहा है। एसोचैम रिसर्च ब्यूरो की रिपोर्ट की मानें तो चिकन के कारोबार से जुड़े लोगों को अपनी क्षमता में बढ़ोत्तरी करने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में हो रहे उत्पादन का सिर्फ पांच फीसदी ही विदेशों में जा रहा है।
लखनऊ के चिकन पर सबसे बड़ा खतरा चीन की मशीनों से बनने वाले चिकन की वजह से है। मशीनों की वजह से ना सिर्फ चीन ने उत्पादन बढ़ाया है बल्कि बाजार में अपनी पैठ भी बढ़ाने में सफल रहा है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत की मानें तो चिकन उद्योग असंगठित होने की वजह से पिछड़ रहा है। जरूरत है इस उद्योग को संगठित कर इसे नयी दिशा दी जाए ताकि चीन के चिकन को बाजार में आने से रोका जा सके।