यूपी का बजट सत्र बना 2017 के विधानसभा चुनाव का अखाड़ा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सरकार के विरोध में कई पार्टियों ने जमकर हंगामा काटा। ना सिर्फ विपक्षी दल बल सपा विधायकों ने भी राज्यपाल के खिलाफ नारे लगाये। जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 7 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया। स्मार्ट सिटी लिस्ट में यूपी का डब्बा गोल होने के कारण!
मुलायम
ने
बढ़ाया
सियासी
पारा,
बोले
अमर
सिंह
हमारे
साथ
थे
और
हमेशा
रहेंगे
यूपी
में
आगामी
विधानसभा
चुनावों
की
घोषणा
होने
में
अब
मुश्किल
से
10
महीनें
ही
बचे
हैं।
ऐसे
में
सभी
चुनावी
फायदे
के
किसी
भी
ऐसे
मौके
को
हाथ
से
नहीं
देना
चाहते
हैं,
जिसकी
साफ
झलक
आज
यूपी
विधानसभा
में
बजट
सत्र
के
दौरान
दिखी।
दिल्ली
और
बिहार
की
तरह
कहीं
फिर
ये
भूल
न
करे
भाजपा!
बसपा
का
सपा-भाजपा
गठबंधन
पर
हमला
यूपी
की
खराब
कानून
व्यवस्था
को
लेकर
एक
तरफ
जहां
विपक्षी
दलों
ने
सरकार
के
खिलाफ
नारे
लगाये
तो
बहुजन
समाजवादी
पार्टी
के
विधायकों
ने
राज्यपाल
राम
नाईक
के
अभिभाषण
को
झूठ
का
पुलिंदा
करार
दे
दिया।
बसपा के विधायकों ने लगाये राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बताते हुए उनके खिलाफ नारे लगाये जिसके चलते राज्यपाल अपना भाषण पूरा नहीं कर से।
बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सपा सरकार पर प्रदेश को लूटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की अपेक्षा के चलते बुंदेलखंड के किसान भूखे मरने को मजबूर हैं।
प्रदेश
में
सांप्रदायिकता
पर
कांग्रेस
का
पलटवार
उत्तर
प्रदेश
में
जिस
तरह
से
सांप्रदायिक
घटनायों
ने
देश
का
सियासी
पारा
बढ़ाया
उसे
ध्यान
में
रखते
हुए
कांग्रेस
ने
सपा
पर
प्रदेश
का
सांप्रदायिक
माहौल
बिगाड़ने
का
आरोप
लगाया
है।
कांग्रेस
यूपी
में
इस
मुद्दे
को
हर
संभव
चुनावों
में
भुनाना
चाहती
है।
कांग्रेस और आरलडी के विधायकों ने कानून व्यवस्था और किसानो की दुर्दशा को लेकर सरकार के खिलाफ सदन में जमकर हंगामा किया। विधायकों ने सरकार के खिलाफ पोस्टर दिखाये।
कांग्रेस
ने
सपा
और
कांग्रेस
पर
आरोप
लगाते
हुए
कहा
कि
दोनों
ही
पार्टियां
एक
दूसरे
से
मिली
हुई
हैं।
दोनों
ही
पार्टियां
प्रदेश
का
सांप्रदायिक
माहौल
बिगाड़कर
आगामी
चुनावों
मे
वोटों
का
ध्रुवीकरण
करना
चाहती
हैं।
2017
से
पहले
अखिलेश
सरकार
की
अग्निपरीक्षा
गौरतलब
है
कि
मौजूदा
सरकार
का
यह
आखिरी
बजट
है
ऐसे
में
आगामी
विधानसभा
चुनावों
के
मद्देनजर
भी
यह
सत्र
काफी
अहम
हो
जाता
है।
सरकार
के
सामने
अहम
बिलों
को
पास
कराना
भी
चुनौती
है।
हंगामे
के
चलते
स्टांप
संसोधन
बिल,
लोहिया
लॉ
बिल
सहित
कई
बिल
लौटा
दिये
गये
हैं।
बजट सत्र 11 मार्च तक चलेगा, वहीं अखिलेश यादव वर्ष 2016-17 का आम बजट 12 फरवरी को पेश करेंगे। ऐसे में विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार के किये कार्यो को अंतिम रूप देना अखिलेश के लिए बड़ी चुनौती होगी।