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बच्चे की जान बचाने के लिए मां ने अकेले ही तेंदुए पर बोला धावा

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लखनऊ। यह कोई वीरगाथा नहीं है जिसे पढ़कर हमें फक्र होना चाहिए बल्कि प्रदेश सरकार को शर्म आनी चाहिए कि 21वीं सदी के भारत में आज भी लोगों को ग्रामीणों को शौंच के लिए खुले मैदान में जाना पड़ता है।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के एक गांव में जब सात साल के बच्चे पर शौंच के दौरान तेंदुए ने हमला बोल दिया तो बच्चे की मां ने बिना किसी बात की परवाह किये तेंदुए से भिड़ गयी।

सात साल के अरुण को बचाने के लिए उसकी मां चंपा देवी ने अकेले ही लाठी के दम पर 15 मिनट तक तेंदुए का सामना किया और आखिरकार तेंदुए को भगाकर ही दम लिया।

काफी शोर-शराबे के बाद जब ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हुए तो तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया। जिसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के निशानगाड़ा रेंज अंतर्गत आजमगढ़ पुरवा कारीकोट गांव में गस्त की और बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया।

वहीं तेंदुए के हमले में मासूम मासूम अरुण की पीठ, पेट और बांह पर तेंदुआ ने बुरी तरह से घाव पहुंचाया है। बच्चे का इलाज सुजौली के सीएचसी में चल रहा है।

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English summary
Brave story of mother when she fought to leopard alone to save her child. In Uttar Pradesh Barabanki lady fought all alone when leopard attacked on her 7 year old baby.
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