अखिलेश के बिना कोई भी मुलायम के साथ आने को तैयार नहीं
बिना अखिलेश महागठबंधन के लिए नहीं तैयारी कोई पार्टी, पार्टी का झगड़ा और शिवपाल अखिलेश की दूरी बनी महागठबंधन की राह में रोड़ा
लखनऊ। यूपी चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी जिस तरह से महागठबंधन की कोशिशें कर रही है, उसे परिवार के भीतर मची घमासान की वजह से झटका लग सकता है। जदयू और आरएलडी उसी शर्त पर इस महागठबंधन में आने को तैयार हैं, अगर अखिलेश यादव भी इसमें शामिल हों।
मायावती
बोलीं,
यूपी
में
भाजपा
के
पास
403
सीटों
के
लिए
कैंडिडेट
नहीं
बिन
अखिलेश
राहुल
भी
नहीं
तैयार
दोनों
ही
पार्टियों
ने
यह
फैसला
ऐसे
समय
में
लिया
है
जब
कांग्रेस
उपाध्यक्ष
राहुल
गांधी
ने
यह
साफ
कर
दिया
है
कि
सपा
के
साथ
गठबंधन
तभी
हो
सकता
है
जब
अखिलेश
यादव
सपा
के
सीएम
उम्मीदवार
घोषित
हों।
पारिवारिक
कलह
बड़ी
मुश्किल
आरएलडी
के
वरिष्ठ
नेता
ने
कहना
है
कि
पार्टी
के
मुखिया
अजीत
सिंह
भी
इसी
बात
के
पक्ष
में
है
कि
सपा
के
साथ
गठबंधन
तभी
होगा
जब
पार्टी
का
अंदरूनी
विवाद
खत्म
हो
जाए।
आरलएडी
के
नेता
का
कहना
है
कि
अखिलेश
और
शिवपाल
के
बीच
अभी
तनाव
खत्म
होता
नहीं
दिख
रहा
है।
यह
ना
सिर्फ
पार्टी
के
लिए
नुकसानदायक
है
बल्कि
महागठबंधन
के
लिए
भी
काफी
मुश्किल
है।
सपा-बसपा
साथ
आए
तभी
महागठबंधन
अंग्रेजी
अखबार
की
मानें
तो
जदयू
नेता
और
नीतीश
कुमार
ने
साफ
किया
है
कि
महागठबंधन
तभी
मुमकिन
है
जब
सपा
और
बसपा
एक
साथ
आएं।
नीतीश
इस
बात
से
पूरी
तरह
से
वाकिफ
हैं
कि
मुलायम
ने
उन्हें
बिहार
चुनाव
के
दौरान
कैसा
अनुभव
दिया
था।