अखिलेश यादव बोले राहुल गांधी अच्छे लड़के हैं, हो सकती है दोस्ती
लखनऊ। उत्तर प्रदेश चुनाव की उलटी गिनती शुरु हो गयी है, इसके साथ ही तमाम सियासी दलों के बीच नेताओं की आवाजाही भी लगी है। आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस तरह से कैबिनेट मीटिंग के बाद राहुल गांधी पर बयान दिया है उसने यूपी में कई संभावित सियासी समीकरणों के दरवाजे खोल दिए हैं। अखिलेश यादव ने कैबिनेट मीटिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राहुल भी अच्छे लड़के हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश में ज्यादा आना चाहिए और यहा ज्यादा रहना चाहिए। दो अच्छे लोग मिल जाएं तो क्या खराबी है।
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राहुल भी बता चुके हैं अखिलेश को अच्छा लड़का
इससे पहले 29 जुलाई को लखनऊ में जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने भी अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए कहा था कि अखिलेश अच्छा लड़का है। ऐसे में जिस तरह से अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को अच्छा लड़का बताया है उसने कांग्रेस और सपा के बीच आगामी चुनाव में नजदीकी के संकेत दिए हैं।
यूपी में हाल ही में आए तमाम सर्वे पर नज़र डालें तो किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत के संकेत कम मिल रहे हैं। ऐसे में चुनाव के बाद गठबंधन के उपर तमाम सियासी दलों की नजर बनी हुई है। सपा और बसपा के बीच शुरु से ही सियासी दूरी बनी है और भाजपा के साथ सपा का छत्तीस का आंकड़ा है। ऐसे में सपा के सामने कांग्रेस एकमात्र ऐसा बड़ा विकल्प बचता है जिसके साथ वह चुनाव बाद गठबंधन के लिए जा सकती है।
सपा के लिए कांग्रेस फायदे का सौदा
कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सपा किसी भी बड़े नुकसान से बच सकती है। यूपी भाजपा के साथ जाने पर सपा पर सांप्रदायिकता का दाग लग सकता है जबकि बसपा के साथ पार्टी के जाने का सवाल इसलिए नहीं उठता है क्योंकि दोनों ही पार्टियां प्रदेश में एक दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं।
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मुस्लिम वोटों का नहीं होगा बिखराव
ऐसे में अगर सपा आगामी चुनाव से पहले कांग्रेस से हाथ मिलाती है तो मुस्लिमों के वोट को टूटने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा ब्राह्मण वोटों का भी इस गठबंधन को फायदा मिल सकता है।
कांग्रेस के लिए होगा फायदे का सौदा
जिस तरह से कांग्रेस ने यूपी में शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है, उसे देखते हुए अगर सपा व कांग्रेस का गठबंधन होता है तो कांग्रेस इस बात पर आसानी से राजी हो सकती है कि अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार हों और मुमकिन है कि शीला दीक्षित इस बात का विरोध ना करें और पार्टी को उन्हें समझाने में किसी भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े।
गठबंधन होगा कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन
कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश का चुनाव बड़ी परीक्षा है। लोकसभा चुनाव 2014 के बाद कांग्रेस को देश में हुए कई राज्यों में चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस यूपी में खुद के अस्तित्व को मजबूत करना चाहेगी। इस लिहाज से देखें तो अखिलेश यादव का यह इशारा कांग्रेस के लिए यूपी में ऑक्सीजन का काम कर सकता है।
बढ़ सकती है अन्य पार्टियों की मुश्किलें
यूपी में कांग्रेस व सपा के बीच गठबंधन होने से भाजपा और बसपा दोनों के लिए मुश्किल हो सकती है। इस गठबंधन से एक तरफ जहां मुस्लिम वोटों का बिखराव रुकेगा तो दूसरी तरफ इस गठबंधन के मजबूत होने से जीत की संभावना बढ़ेगी जो मतदाताओं को एकतरफा वोट के लिए प्रेरित करेगा।