मनमोहन वैद्य के आरक्षण हटाओ वाले बयान पर लालू बोले-आरएसएस जैसे जातिवादी संगठन की खैरात नहीं
बिहार में रगड़-रगड़ के धोया, शायद कुछ धुलाई बाकी रह गई थी जो अब यूपी जमकर करेगा। आरएसएस पहले अपने घर में लागू 100 फीसदी आरक्षण की समीक्षा करें।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं संघ के विचारक मनमोहन वैद्य ने आरक्षण हटाओ वाले बयान पर पूर्व रेल मंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव ने सोशल मीडिया साइट ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी जी आपके आरएसए प्रवक्ता आरक्षण पर फिर अंट-शंट बके है। बिहार में रगड़-रगड़ के धोया, शायद कुछ धुलाई बाकी रह गई थी जो अब यूपी जमकर करेगा। आरएसएस पहले अपने घर में लागू 100 फीसदी आरक्षण की समीक्षा करें। कोई गैर-स्वर्ण पिछड़ा और दलित व महिला आजतक संघ प्रमुख क्यों नही बने है? बात करते है लालू ने अगला ट्वीट करते हुए लिखा कि आरक्षण संविधान प्रदत्त अधिकार है। आएसएस जैसे जातिवादी संगठन की खैरात नहीं। इसे छिनने की बात करने वालों को औकात में लाना कमेरे वर्गों को आता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया साइट पर ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा/RSS/अकाली दलित विरोधी हैं। इनके नापाक इरादों को कभी सफल नहीं होने देंगे। अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और गोवा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा और अकाली दल दोनों पर हमला बोला है।
आपको बताते चले कि जयपुर के लिटरेचर फेस्टिवल में बोलते हुए संघ विचारक मनमोहन वैद्य ने कहा है कि आरक्षण खत्म होना चाहिए, क्योंकि यह अलगाववाद को बढ़ाता है। उन्होंने कहा है कि सबको समान अवसर मिलना चाहिए और साथ ही सभी को समान शिक्षा मिलनी चाहिए। इससे पहले मनमोहन वैद्य ने अक्टूबर 2014 में अल्पसंख्यक शब्द की बार-बार चर्चा पर निराशा जताई थी और कहा था कि कोई भी अल्पसंख्यक नहीं है, सभी हिंदू हैं। वैद्य के इस बयान पर काफी विवाद भी हुआ था।
इस फेस्टिवल में आरएसएस के नंबर तीन प्रचारक दत्तात्रेय होसबोले भी आए हैं। इसके अलावा वसुंधरा राजे ने भी इस फेस्टिवल में हिस्सा लिया है। वहीं उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और के सच्चिदानंदन को इस फेस्टिवल में आने का न्योता नहीं दिया गया। इस पांच दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत गीतकार गुलजार, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं। आपको बता दें कि इस फेस्टिवल में राजनीति, साहित्य और मनोरंजन जगत की कई बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया है। गीतकार गुलजार ने जयपुर शहर और यहां के लोगों को खूबसूरत कहा।
इस बार दसवां जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल हो रहा है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है। यह 5 फेस्टिवल दिनों तक चलेगा। इस फेस्टिवल की शुरुआत 2006 में हुई थी। उस समय इस फेस्टिवल में कुल 2500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। आपको बता दें कि जयपुर में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में दुनियाभर के जाने-माने कलाकार, लेखक, नोबल पुरस्कार विजेता, बुकर-पुलित्जर पुरस्कार विजेता हिस्सा लेते हैं। यही कारण है कि इस फेस्टिवल को साहित्य का महाकुंभ भी कहा जाता है।