बेंगलुरु से लेकर वाशिंगटन तक आखिर क्यों हुए राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन
मडोना से लेकर आम महिलाओं तक ने किया नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मार्च। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया जवाब चुनाव के समय कहां थे प्रदर्शनकारी।
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ऑफिस में पहला दिन काफी सिरदर्द वाला रहा है। अमेरिका के कई शहरों से लेकर फ्रांस, अर्जेंटीना और भारत तक में उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए। किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए यह शायद पहला मौका है जब दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ इतने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए।
हॉलीवुड हस्तियां भी शामिल
इन विरोध प्रदशर्नों में मडोना समेत हॉलीवुड की तमाम हस्तियां शामिल हुईं। महिलाओं के अधिकारों के लिए होने वाले इन विरोध प्रदर्शनों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट की और पूछा कि चुनावों के समय ये महिलाएं किधर थीं। वहीं अब कुछ लोन विरोध प्रदर्शनों पर सवाल भी उठा रहे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक यह वाकई एक हैरान कर देने वाला पल है। लेकिन मसला यह है कि यह ट्रंप की जीत पर दुखी लोगों के लिए एक पल की तरह है या फिर यह विपक्ष की ओर से शुरू किया गया कोई मुद्दा है। अभी यह साफ नहीं है कि इन प्रदर्शनों का क्या ट्रंप के प्रशासन या फिर कांग्रेस में रिपब्लिकंस पर कोई असर पड़े सकता है? राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मार्च को संबोधित नहीं किया। वह वर्जिनिया स्थित सीआईएस हेडक्वार्टर पर ऑफिसर्स को संबोधित कर रहे थे।
क्या कहा मेडोना ने
पॉप स्टार मेडोना ने इस विरोध प्रदर्शन पर काफी हैरान करने वाला बयान दिया। मेडोना ने करीब पांच लाख लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए कह डाला कि उन्होंने तो व्हाइट हाउस को उड़ा देने के बारे में भी सोचा। हालांकि बाद में उन्होंने बाद में कहा कि उनकी स्पीच को ठीक तरीके से न सुना गया और न ही पढ़ा गया।
60 देशों में प्रदर्शन
दुनिया भर में करीब 60 देशों और सात महाद्वीपों से लोगों ने विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। लोग राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे। वे राष्ट्रपति ट्रंप के व्हाइट हाउस पहुंचने पर काफी नाराज थे।
अमेरिका में कितने लोग
कहा जा रहा है कि अमेरिका में करीब चार मिलियन लोगों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वाशिंगटन डीसी में 590,000 लोग, न्यूयॉर्क में 450,000 लोग इन प्रदर्शनों में शामिल थे। लॉस एंजिल्स में 625,000 लोग और सैन फ्रांसिस्को में 125,000 लोग शामिल थे।
अमेरिकी मीडिया कनफ्यूज
इस विरोध प्रदर्शन पर अमेरिकी मीडिया काफी कनफ्यूज नजर आया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोग इस प्रदर्शन में अश्वेतों के पक्ष में प्रदर्शन कर रहे थे, कुछ का मकसद समान तनख्वाह पर ध्यान दिलाना था। तो वहीं कुछ लोग पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के हेल्थ केयर लॉ को वापस लाने की मांग कर रहे थे।
महिला विरोधी राष्ट्रपति ट्रंप
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुआ महिलाओं का प्रदर्शन उन आरोपों पर केंद्रित था जिसमें कहा गया था कि ट्रंप ने उनके निजी अंगों को छुआ था। आपको बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप का वर्ष 2005 का एक वीडियो आया था जिसमें उन पर कई संगीन आरोप लगाए गए थे।