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आखिर क्‍यों राष्‍ट्रपति ट्रंप ने बैन के लिए चुना सात मुसलमान देशों को

जिन सात देशों को अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने बैन की लिस्‍ट में डाला है वे सभी आतंकवाद, सिविल वॉर, संघर्ष और ऐसे मुद्दों का सामना कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में बने आतंकवाद का बड़ा अड्डा।

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वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के सात मुसलमान देशों पर आए बैन ने अमेरिका और दुनिया के तमाम हिस्‍सों में एक अजीब सी बेचैनी पैदा कर रखी है। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि बैन मुसलमानों पर नहीं है बल्कि उन देशों पर है जो आतंकवाद की फैक्‍ट्री बन चुके हैं और इन देशों अमेरिका की रक्षा करना है।

120 दिनों के लिए बंद दरवाजे

राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने सीरिया, सूडान, लीबिया, ईरान, इराक, सोमालिया और यमन से आने वाले लोगों के लिए अगले 120 दिनों तक अमेरिका के दरवाजे बंद कर दिए हैं। उनके इस आदेश की हर तरफ आलोचना हो रही है। अमेरिका में विरोध प्रदशर्न जारी हैं और कई एयरपोर्ट्स पर भीड़ जमा है। वहीं ट्रंप ने जिन देशों पर बैन लगाया है, अगर उन देशों पर एक नजर डाली जाए तो पता लगता है कि पिछले 8-10 वर्षों से इन देशों में भी अजीब से हालात हैं, सीरिया हो, चाहे इराक हो या फिर सूडान या यमन। आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर राष्‍ट्रपति ट्रंप ने इन्‍हीं सात देशों को क्‍यों बैन के लिए चुना।

इराक

इराक

वर्ष 2003 में अमेरिक सेनाएं इराक में दाखिल हुई थीं और तब से ही हालात बिगड़े हैं। आज इराक आईएसआईएस का गढ़ बन चुका है। सद्दाम हुसैन की मौत और अमेरिकी सेनाओं के यहां से जाने के बाद आतंकियों को ताकत मिली और आईएसआईएस का जन्‍म हुआ। वर्ष 2003 में जब अमेरिका ने ईराक में दखल नहीं किया था तो ईराक में सुसाइड अटैक्‍स का आंकड़ा न के बराबर था या फिर था ही नहीं। लेकिन एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2003 के बाद से वर्ष 2015 तक ईराक में 1,892 सुसाइड अटैक्‍स हुए हैं।

ईरान

ईरान

दुनिया जानती है कि अमेरिका और ईरान के रिश्‍ते कैसे हैं। पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान पर लगा प्रतिबंध तो हटाया लेकिन राष्‍ट्रपति ट्रंप ने चुनाव होने के पहले से ही ईरान पर आक्रामक रुख अख्तियार किया हुआ था। ईरान ने अपना परमाणु कार्यक्रम 70 के दशक में शुरू किया था। ईरान के पास आज के समय कई तरह के केमिकल, बायोलॉजिकल और रेडियोलॉजिकल हथियार भी हैं। इसके अलावा ईरान की सीमा अफगानिस्‍तान से भी सटी हुई है। अफगानिस्‍तान तालिबान के अलावा अब आईएसआईएस के लिए भी मजबूत जमीन बन चुका है।

सीरिया

सीरिया

सीरिया वर्ष 2011 से ही सिविल वॉर की आग में झुलस रहा है। लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग देश को छोड़कर जा चुके हैं। कई शहर मिट्टी में तब्‍दील हो चुके हैं। इराक से सटे सीरिया में अल कायदा अल नुसरा के नाम से मौजूद है तो आईएसआईएस भी कई शहरों को कब्‍जे में ले चुका है। इसके अलावा ऐसी भी खबरें आई थीं कि सीरिया से आने वाले शरणार्थियों के भेष में आतंकवादी यूरोप और अमेरिका में दाखिल हो सकते हैं। पिछले वर्ष मार्च में बेल्जियम और वर्ष 2015 में पेरिस आतंकी हमले का कनेक्‍शन सीरिया से था।

लीबिया

लीबिया

वर्ष 201 में लीबियन डिक्‍टेटर मुअम्‍मार अल गद्दाफी की मौत से कई दिनों तक चले संघर्ष के बाद हुई थी। इसके बाद वर्ष 2014 से यहां पर भी सिविल वॉर जारी है। वहीं लीबिया में भी आईएसआईएस की मौजूदगी है। लीबिया के हालात दुनिया से छिपे नहीं हैं और इसलिए यह देश भी बैन देशों की लिस्‍ट में शामिल है।

सूडान

सूडान

सूडान में भी इस समय सिविल वॉर चल रहा है। यहां पर नूबा माउंटेंस में युद्ध की स्थिति है और आतंकवाद भी चरम पर है। यह पहला मौका नहीं है जब सूडान को अमेरिका ने बैन किया है। इससे पहले अगस्‍त 1993 में अमेरिका ने सूडान को आतंकी ताकतों का समर्थन करने वाला देश करार दिया था और आतंकी देश घोषित कर दिया था। वहीं वर्ष 1996 से इस देश पर कई राजनयिक प्रतिबंध लगे हुए हैं।

सोमालिया

सोमालिया

हरकत अल-शहाब अल-मुजाहिदीन वह संगठन जिससे हाथ मिलाने को आईएसआईएस बेकरार है। वर्ष 2004 में इस आतंकी संगठन की स्‍थापना हुई और फिर इसने अपना आतंक फैलाना शुरू कर दिया। आज अल शहाब टॉप 10 खतरनाक आतंकी संगठनों में शा‍मिल है। अल शहाब को अमेरिका समेत ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा, यूएई और यूनाइटेड किंगडम ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। इसके अलावा जून 2012 में इसके टॉप कमांडर्स के सिर पर अमेरिका ने इनाम घोषित किया था। अमेरिका ने अल-शहाब को अल-कायदा की हर तरह खतरनाक बताया है।

यमन

यमन

ट्यूनीशिया के बाद जैस्‍मीन क्रांति की आंच यमन तक पहुंची थी। आज यमन में सिविल वॉर के हालात हैं। इसके अलावा यमन अल कायदा का मजबूत गढ़ है। रविवार को ही यहां पर अमेरिकी सेनाओं की कार्रवाई में अल कायदा के 14 आतंकी मारे गए हैं। 9/11 के हमलों के बाद यमन, अल कायदा को निशाना बनाने के लिए अमेरिका के लिए काफी अहम हो चुका है।

English summary
President Donald Trump has picked seven Muslim nations from Iraq, Iran, Yemen, Somalia, Sudan, Libya, Syria.
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