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क्‍यों लैटिन अमेरिकी देशों में एबॉर्शन की आजादी लॉटरी जीतने जैसा पल

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मैक्सिको सिटी। एमनेस्‍टी इंटरनेशनल ने अपनी एक रिपोर्ट में लैटिन अमेरिकी देशों में महिलाओं को गर्भनिरोधकों और एबॉर्शन की सुविधा देने उनके लिए लॉटरी जैसा होगा। आपको बता दें कि लैटिन अमेरिका दुनिया का वह हिस्‍सा है जहां पर गर्भपात की मंजूरी नहीं है।

जीका वायरस के साथ बच्‍चों को होने वाली परेशानियों की वजह से लैटिन अमेरिका में एबॉर्शन कानूनों और गर्भनिरोधकों की मौजूदगी को लेकर एक नई बहस छिड़ी हुई है।

लैटिन अमेरिका में एबॉर्शन और गर्भनिरोधक पैसे और हेल्‍थ वर्कर्स के धार्मिक विचारों पर निर्भर करती हैं।

रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक एमनेस्‍टी की रिपोर्ट में आठ देशों, अल सल्वाडोर, डोमिनिकन गणराज्य, पराग्वे, चिली, अर्जेंटीना, मैक्सिको, पेरू और उरुग्वे में प्रेग्‍नेंसी और इससे जुड़े पहलुओं की जांच की गई है।

एमनेस्टी की अमेरिकी डायरेक्‍टर एरिका ग्वेरा रोसास की ओर से कहा गया है कि पूरे लैटिन अमेरिका में एबॉर्शन और गर्भनिरोधक जैसे जीवन रक्षक इलाज सिर्फ हेल्‍थ वर्कर्स की दया या फिर महिलाओं के पास मौजूद पैसे की ताकत पर निर्भर करते हैं।

एमनेस्‍टी का मानना है कि हेल्‍थ से जुड़ा यह काफी अहम मसला है लेकिन अब यह लॉटरी लगने जैसा हो गया है क्‍योंकि घटिया और अवैध तरीका हजारों की जिंदगियों को खतरे में डाल रहा है।

एबॉर्शन पर सख्‍त कानून

एबॉर्शन पर सख्‍त कानून

लैटिन अमेरिका में एबॉर्शन को लेकर कानून बड़े सख्‍त हैं। लैटिन अमेरिकी देश एबॉर्शन पर रोक के लिए किसी भी स्थिति में इन कानूनों को पूरी तरह लागू करते हैं।

कब मिलती है एबॉर्शन की आजादी

कब मिलती है एबॉर्शन की आजादी

ज्‍यादातर लैटिन अमेरिकी देशों में एबॉर्शन की इजाजत सिर्फ रेप या मां के ​जिंदगी पर खतरा होने की स्थिति में ही मिलती है।

धार्मिक रवैया

धार्मिक रवैया

इन देशों में कैथोलिक चर्च काफी प्रभाव रखते हैं। इनका मानना है कि जैसे ही कोई महिला गर्भवती होती है जिंदगी शुरू हो जाती है। इन रू‍ढ़‍िवादी और धार्मिक मान्यताओं की वजह से ही यहां एबॉर्शन के कानून काफी सख्‍त हैं।

रूढ़‍िवादी रवैया

रूढ़‍िवादी रवैया

इस रिपोर्ट का कहना है कि कड़े कानूनों की दूसरी वजह महिलाओं की भूमिका को 'सबसे पहले मां की तरह देखने' का रूढ़िवादी नजरिया भी है।

रिपोर्ट में कुछ घटनाओं का हवाला

रिपोर्ट में कुछ घटनाओं का हवाला

वर्ष 2015 में 10 वर्ष की लड़की ने अपने सौतेले पिता पर रेप का आरोप लगाया था लेकिन एबॉर्शन न कराने की वजह से उसकी मौत हो गई थी।

एबॉर्शन न होने की वजह से मौत

एबॉर्शन न होने की वजह से मौत

रिपोर्ट में वर्ष 2012 की घटना का जिक्र है जो डोमिनिकन गणराज्य में घटी थी। यहां पर 16 वर्ष की रोसेउरा हेर्नांडेज गर्भवती थी और उसे ल्‍यूकेमिया था। वह चाहती थी कि एबॉर्शन के बाद उसका कैंसर का ट्रीटमेंट कराया जाए। लेकिन कड़े कानूनों की वजह से ऐसा नहीं हो सका।

 काफी रिस्‍की हो गया है एबॉर्शन

काफी रिस्‍की हो गया है एबॉर्शन

रुढ़‍िवादी और धार्मिक मान्‍यताओं की वजह से एबॉर्शन काफी रिस्‍की हो गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 में लैटिन अमेरिका में 10 लोगों की मौत हो चुकी है।

अनसेफ एबॉर्शन की वजह से परेशानियां

अनसेफ एबॉर्शन की वजह से परेशानियां

हर वर्ष लैटिन अमेरिका के अस्पतालों में अनसेफ एबॉशर्न की वजह से सात लाख 60 हजार महिलाएं अपना ​इलाज कराने आती हैं।

क्‍या कहता है यूनाइटेड नेशंस

क्‍या कहता है यूनाइटेड नेशंस

यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट के मुताबिक लैटिन अमेरिका में हर तीन में से एक महिला तक गर्भनिरोधक नहीं पहुंच पाता है। लैटिन अमेरिका के चार देशों में महिलाओं को जीका वायरस की वजह से प्रेगनेंसी को टालने की सलाह दी गई है जिसकी एमनेस्टी ने निंदा की है।

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English summary
Amnesty International feels Latin America women won lottery with contraception and abortions. Latin America is world's only place where Abortion laws are very strict.
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