जानिए क्या है पाकिस्तान और इस्लाम पर ट्रंप के नए एनएसए जनरल एचआर मैक्मास्टर की राय
रोनाल्ड रीगन के समय जनरल कॉलिन पॉवेल के बाद पहले ऐसे सर्विंग ऑफिसर हैं लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैक्मास्टर जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बनाया है अपना एनएसए।
वॉशिंगटन। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल माइकल फ्लिन के इस्तीफे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैक्मास्टर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) चुना है। लेफ्टिनेंट जनरल मैक्मास्टर की नियुक्ति को ट्रंप के आलोचक भी सलाम कर रहे हैं। लेकिन सबसे दिलचस्प बात है कि जो ट्रंप इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ते हैं उनके एनएसए इस बात को खारिज कर देते हैं। वहीं पाकिस्तान को लेकर भी उनका रवैया और सोच अभी साफ नहीं है।
हक्कानी और जर्ब-ए-अज्ब का जिक्र
टाइम
मैगजीन
ने
लेफ्टिनेंट
जनरल
मैक्मास्टर
को
दुनिया
के
100
प्रभावशाली
लोगों
की
लिस्ट
में
14वें
नंबर
पर
रखा
था।
जहां
अमेरिका
के
पूर्व
एनएसए
माइकल
फ्लिन
कई
बार
पाकिस्तान
की
आलोचना
कर
चुके
हैं,
लेकिन
नए
एनएसए
का
रुख
पाकिस्तान
को
लेकर
साफ
नहीं
है।
हालांकि
उन्होंने
अपने
एक
इंटरव्यू
में
पाकिस्तान
के
नॉर्थ
वाजिरिस्तान
में
आतंकियों
के
खिलाफ
चलाए
गए
एंटी-टेररिज्म
ऑपरेशन
जर्ब-ए-अज्ब
का
जिक्र
किया
था।
उन्होंने
बताया
था
कि
तालिबान
के
तीन
अहम
संगठन
हैं
और
से
तीनों
ही
संगठन
सभ्य
लोगों
के
दुश्मन
हैं।
18
फरवरी
को
दिए
इस
इंटरव्यू
में
उन्होंने
तालिबान
के
तीन
हिस्से
बताए
साथ
ही
हक्कानी
नेटवर्क
का
भी
जिक्र
किया
और
कहा
कि
इस
बात
पर
ध्यान
देना
होगा
कि
अल-कायदा
के
संबंध
किससे
हैं।
उन्होंने
इस
बात
पर
जोर
दिया
कि
अमेरिका
के
लिए
यह
जानना
काफी
जरूरी
है
कि
दुश्मन
कौन
है
और
क्यों
अमेरिकी
सैनिकों
को
उनसे
लड़ने
की
जरूरत
है।
फ्लिन
से
अलग
अभी
तक
मैक्मास्टर
ने
कोई
ऐसा
बयान
नहीं
दिया
है
जो
सिर्फ
पाकिस्तान
पर
आधारित
हो।
शायद
इस
वजह
से
फ्लिन
की
आलोचना
हुई
थी
तो
वहीं
मैक्मास्टर
की
नियुक्ति
को
तालियां
मिल
रही
हैं।
इस्लाम को आतंकवाद से न जोड़ें
जो बात सबसे अहम है वह यह है कि जनरल एचआर मैक्मास्टर इस बात की वकालत करते आए हैं कि आतंकवाद से लड़ाई इस तरह से न हो कि वह इस्लाम के खिलाफ लड़ाई लगने लगे। वह विएतनाम वॉर पर अमेरिका की अलोचना कर चुके हैं और साथ ही इराक वॉर को लेकर नकारात्मक टिप्पणियां कर चुके हैं। कई लोगों को इस बात पर संदेह है कि जनरल मैक्मास्टर की राष्ट्रपति ट्रंप से बन भी पाएगी या नहीं? ट्रंप जहां इस्लाम को आतंकवाद के लिए दोषी ठहराते हैं तो वहीं उनके एनएसए इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं जनरल मैक्मास्टर रूस पर वर्ष 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने का आरोप लगा चुके हैं। ऐसे समय में जब ट्रंप, रूस के साथ दोस्ती की वकालत करते हैं तो वहीं एनएसए मैक्मास्टर रूस को जिम्मेदार बताते हैं। फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका के नए एनएसए पाकिस्तान को लेकर क्या रुख अख्तियार करते हैं।