Video: कैसे पीठ पर विस्फोटकों से भरा बैग लादे सेंट सेबेस्चियन चर्च में दाखिल हुआ हमलावर
कोलंबों। श्रीलंका की राजधानी कोलंबों में ईस्टर संडे को ब्लास्ट हुए थे, उसकी जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है। इसके साथ ही अब एक हमलावर की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है। यह फुटेज सेंट सेबेस्चियन चर्च की और हमले के कुछ मिनट पहले की ही मालूम पड़ती है। भारत भी श्रीलंका को हमलों के बाद जांच के लिए इंटेलीजेंस और टेक्निकल सपोर्ट दे रहा है।
यह
भी
पढ़ें-ISIS
ने
ली
श्रीलंका
के
चर्च
और
होटलों
में
हुए
आत्मघाती
हमलों
की
जिम्मेदारी
|
बैग के साथ चर्च के अंदर दाखिल हुआ हमलावर
इस सीसीटीवी फुटेज में हमलवार पीठ पर बैग लादे हुए चर्च के अंदर दाखिल होता नजर आ रहा है। फुटेज सियाता टीवी की ओर से रिलीज की गई है। रविवार को हुए आठ सीरियल ब्लास्ट्स में 321 लोगों की मौत हो गई है। इसमें 10 भारतीय शामिल हैं। मरने वालों में 45 बच्चे हैं और यूनीसेफ की ओर से बच्चों की संख्या की पुष्टि की गई है। आईएस की प्रपोगेंडा एजेंसी अमाक की ओर से बयान जारी कर मंगलवार को हमलों की जिम्मेदारी ली गई है। अमाक ने अपने बयान में कहा है कि संगठन उन देशों के नागरिकों को निशाना बना रहा था जो उस पर हमले के लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही निशाने पर क्रिश्चियंस भी हैं।
हमले से पहले आतंकी से आमना-सामना
सेंट सेबेस्चियन चर्च में हुए आतंकी हमले में बाल-बाल बचे 66 वर्षीय दिलीप फर्नाडों की मानें तो उनका आतंकी से आमना-सामना हुआ था। द गार्डियन के मुताबिक नेगोम्बो स्थित सेंट सेबेस्चियन चर्च में ईस्टर संडे की वजह से बहुत भीड़ थी और इस वजह से मास के लिए वह कहीं और चले गए थे। शायद इस वजह से ही उनकी जान भी बच गई। जैसे ही वह चर्च से निकले, चर्च में जोरदार ब्लास्ट हो गया। सोमवार को फर्नांडो चर्च में आए और उन्होंने अंदर का नजारा देखा। वह ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हैं, कि उसने उन्हें और उनके परिवार को बाल-बाल बचा लिया।
भीड़ की वजह से बच गई जान
फर्नांडो ने बताया, 'मैं इसी चर्च में सर्विस के लिए आता हूं। रविवार को भी मैं और मेरी पत्नी सुबह 7:30 बजे ही चर्च आ गए थे। लेकिन यहां बहुत भीड़ थी। मैं खड़ा नहीं होना चाहता था तो यहां से निकलकर दूसरे चर्च में चला गया।' फर्नांडो तो चले गए लेकिन उनके सुसराल के लोग और उनकी दो पोतियों ने वहीं रुकने का फैसला किया। ये लोग चर्च के बाहर ही बैठ गए क्योंकि अंदर बहुत भीड़ थी।
जरा भी डरा नहीं था हमलावर
जिस समय वह बाहर जा रहे थे, उन्होंने एक शख्स को अंदर आते देखा। फर्नांडो की मानें तो वह शायद हमलावर ही था। मास खत्म होने पर एक युवक चर्च के अंदर जा रहा था जिसकी पीठ पर बहुत भारी बैग था। फर्नांडो ने बताया कि उस व्यक्ति ने उनकी पोती का माथा छुआ था। वह युवक करीब आधे घंटे तक चर्च में रहा। फर्नांडो के रिश्तेदारों के मुताबिक वह बहुत ही शांत और मासूम नजर आ रहा था। उसे जरा भी डर नहीं लग रहा था।
सदमे में है क्रिश्चियन समुदाय
कुछ ही मिनटों बाद चर्च में जोरदार ब्लास्ट हो गया और फर्नांडो के रिश्तेदार वहां से भाग गए। उन्होंने फर्नांडो को कॉल किसा और पूछा कि कहीं वह सेंट सेबेस्चियन चर्च के अंदर तो नहीं हैं। लेकिन फर्नांडो दूसरे चर्च में थे। फर्नांडो के मुताबिक उनके परिवार का कोई भी शख्स हमले में नहीं मारा गया और न ही घायल हुआ है लेकिन उनके समुदाय को काफी धक्का पहुंचा है। क्रिश्चियन समुदाय इस हमले के बाद सदमे है।
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