राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने लिया फैसला, सभी राजदूत हटाए
ट्रंप के शपथ लेने के साथ आठ वर्ष बाद एक बार फिर से रिपब्लिकन पार्टी के हाथ में अमेरिका की बागडोर आ गई।
नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्पति के तौर पर शुक्रवार (20 जनवरी) को शपथ ली। राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद उन्होंने कई ऐसे फैसले किए जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे। पद संभालने के बाद ट्रंप ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से नियुक्त किए गए राजदूत अपना दफ्तर 20 जनवरी की दोपहर तक (अमेरिकी समयानुसार)छोड़ दें। हालांकि अभी इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है कि इन हटाए गए राजदूतों की जगह कौन काम करेगा। ट्रंप के इस फैसले के बाद जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, भारत, जापान और सऊदी अरब सरीखे महत्वपूर्ण देशों में भी अब अमेरिका राजदूत नहीं हैं।
यह
बात
दीगर
है
कि
राजदूतों
की
नियुक्ति
में
करीब
1
माह
तक
का
वक्त
लग
जाता
है।
वहीं
ट्रंप
सरकार
ने
राजदूतों
को
कोई
ग्रेस
पीरियड
देने
से
भी
इनकार
कर
दिया
है।
वहीं
द
इंडिपेडेंट
की
एक
रिपोर्ट
के
अनुसार
व्हाइट
हाउस
की
वेबसाइट
से
एलजीबीटी
और
क्लाइमेट
चेंज
सरीखे
मुद्दों
पर
बने
वेब
पेज
हटा
दिए
गए
हैं।
हालांकि
दूसरे
इस
मामले
में
ट्रंप
के
समर्थकों
का
कहना
है
कि
डाटा
ट्रांसफर
की
वजह
से
भी
ऐसा
हो
सकता
है।
दूसरी
ओर
यह
बात
सामने
है
कि
ट्रंप
क्लाइमेट
चेंज
के
मुद्दे
पर
अमेरिकी
रवैये
को
गलत
बता
चुके
हैं
इससे
पहले
चीफ
जस्टिस
जॉन
राबर्ट्स
ने
डोनाल्ड
ट्रंप
को
राष्ट्रपति
पद
की
शपथ
दिलाई।
अपने
भाषण
के
दौरान
ट्रंप
ने
कहा
कि
यह
पल
आपका
पल
है
और
यह
आपके
लिए
ही
है।
यह
हर
उस
व्यक्ति
का
दिन
है
जो
यहां
पर
मौजूद
हैं
और
दुनिया
भर
में
मुझे
देख
रहे
हैं।
ट्रंप
ने
कहा
कि
हम
अपनी
सीमाओं
को
सुरक्षित
करेंगे
और
दूसरे
देशों
से
नौकरियों
को
वापस
लेकर
आएंगे।
हम
दूसरे
देशों
से
दोस्ती
और
रिश्ते
बनाएंगे
लेकिन
खुद
की
सुरक्षा
भी
करेगे।
हम
चरमपंथ
इस्लामिक
आतंकवाद
को
धरती
से
खत्म
करके
रहेंगे।
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