क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के 8 वर्ष और उनकी 9 गलतियां

अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की आठ वर्षों की वह गलतियां जिन्‍हें कभी जनता ने स्‍वीकारा तो कभी खुद ओबामा ने मानने में हिचक नहीं दिखाई।

Google Oneindia News

वाशिंगटन। आठ नवंबर को अमेरिका को उसका नया राष्‍ट्रपति मिल जाएगा और फिर जनवरी 2017 में व्‍हाइट हाउस से राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की विदाई हो जाएगी।

पढ़ें-क्‍यों मोसुल की जंग राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के लिए है खासपढ़ें-क्‍यों मोसुल की जंग राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के लिए है खास

राष्‍ट्रपति बराक ओबामा वर्ष 2008 में जब अमेरिका के राष्‍ट्रपति चुने गए तो उन्‍होंने एक नया इतिहास लिखा। इसके बाद वर्ष 2012 में जनता ने उन्‍हें फिर से चुना और वह फिर व्‍हाइट हाउस पहुंचे।

आठ वर्षों से ओबामा बतौर राष्‍ट्रपति अपनी जिम्‍मेदारियों को पूरा कर रहे हैं। लेकिन हर इंसान गलती का पुतला होता है और राष्‍ट्रपति ओबामा भी इस बात को झुठला नहीं सके।

पढ़ें-नई नौकरी के लिए इंटरव्‍यू की प्रैक्टिस कर रहे राष्‍ट्रपति ओबामापढ़ें-नई नौकरी के लिए इंटरव्‍यू की प्रैक्टिस कर रहे राष्‍ट्रपति ओबामा

युवाओं के बीच लोकप्रिय ओबामा ने अपने आठ वर्षों में कई गलतियां कीं और इसकी वजह से लोगों की आलोचनाओं के शिकार बने।

ये सभी वे गलतियां हैं जिनके बारे में एक पोल में खुलासा हुआ था यह पोल इस वर्ष ही कराया गया था। तो फिर जानिए उनकी नौ ग‍लतियों के बारे में।

आतंकवाद पर ओबामा का रवैया

आतंकवाद पर ओबामा का रवैया

अमेरिकी जनता का एक बड़ा तबका मानता है कि राष्‍ट्रपति ओबामा ने जिस तरह से आतंकवाद को डील किया वह गलत था। पेरिस आतंकी हमलों के बाद तो उनके खिलाफ इस मुद्दे पर एक नकारात्‍मक माहौल बन गया। यूरोप में जब रिफ्यूजी संकट बढ़ा तो ओबामा के खिलाफ नाराजगी भी बढ़ गई। लोगों ने साफ तौर पर इस बात को मानने से इंकार कर दिया कि अमेरिका को इस संकट से निबटने में किसी तरह का कोई हस्‍तक्षेप करना चाहिए। इसके बाद जब दिसंबर 2015 में कैलिफोर्निया में सेंट बर्नाडिनो वाला आतंकी हमला सामने आया तो जनता ने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से ऐसा हमला लाजिमी था।

आईएसआईएस पर कमजोर राष्‍ट्रपति

आईएसआईएस पर कमजोर राष्‍ट्रपति

61.5 प्रतिशत अमेरिकी नागरिक ऐसे हैं जो इस बात में यकीन करते हैं कि राष्‍ट्रपति ओबामा ने जिस तरह से आईएसआईएस को हैंडल किया वह तरीका उन्‍हें पसंद नहीं आया। ओबामा ने जब आईएसआईएस को आतंकवाद की 'जूनियर टीम' कहा तो लोगों को उनकी यह बात समझ ही नहीं आई। उनके इस बयान के बाद पेरिस आतंकी हमला हुआ और फिर कैलिफोर्निया में आतंकी वारदात सामने आई। सिर्फ इतना ही नहीं 50 प्रतिशत से ज्‍यादा नागरिक इस बात को लेकर ओबामा से नाराज हैं कि उन्‍होंने आईएसआईएस से निबटने के लिए अमेर‍िकी सेना को जमीन पर लड़ाई करने के लिए क्‍यों भेजा।

गन पॉलिसी पर गलत मिस्‍टर प्रेसीडेंट

गन पॉलिसी पर गलत मिस्‍टर प्रेसीडेंट

गन पॉलिसी ओबामा के लिए सबसे खराब मुद्दा साबित हुआ। अमेरिका के करीब 57 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि उन्‍हें ओबामा की गन पॉलिसी मंजूर नहीं है। राष्‍ट्रपति खुद इस बात को स्‍वीकार कर चुके हैं कि बंदूकों के लिए कानूनों पर कई कई उनकी सारी कोशिशें उनके लिए सबसे बड़ी निराशा साबित हुई हैं। हालांकि अमेरिकी नागरिकों का एक बड़ा तबका यानी 67 प्रतिशत नागरिकों ओबामा की इस बात से सहमत हैं कि बंदूकों से पहले किसी व्‍यक्ति का बैकग्राउंड चेक जरूर होना चाहिए।

ओबामा हेल्‍थ केयर

ओबामा हेल्‍थ केयर

55.5 प्रतिशत अमेरिकी नागरिकों ने ओबामा के हेल्‍थ केयर को खारिज कर दिया। एक वेबसाइट के जरिए ओबामा ने इसकी शुरुआत की थी। नागरिकों को जहां व्‍यक्तिगत नियमों में सहूलियतें नजर आईं तो उन्‍होंने ओवरऑल पैकेज के तौर पर इसे मानने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि यह काफी जटिल और हेल्‍थकेयर का एक विकृत रूप है।

ग्‍वांतनामो बे को बंद करना बुरा फैसला

ग्‍वांतनामो बे को बंद करना बुरा फैसला

9/11 हमलों के बाद वर्ष 2001 में अमेरिका ने ग्‍वांतनामो बे डिटेंशन कैंप की शुरुआत की। यहां पर आतंकवाद के संदिग्‍ध लोगों को लाया जाता और फिर उन्‍हें कई तरह से सजाएं दी जातीं। वर्ष 2008 में ओबामा ने इसे बंद करने के बारे में अपने अभियान में बातें कीं। चार नवंबर 2015 को उन्‍होंने ऐलान किया कि वह इस डिटेंशन सेंटर को बंद करने के बारे में सोच रहे हैं। उनका फैसला अमेरिकी जनता को पसंद नहीं आया और 53 प्रतिशत लोगों ने इसके खुले रहने की वकालत की।

इराक पर ओबामा कंफ्यूज

इराक पर ओबामा कंफ्यूज

इराक में एक बार फिर से अमेरिकी सेनाएं मौजूद हैं और अब अमेरिका की जनता राष्‍ट्रपति ओबामा को इराक की ओर से मिलने वाली चुनौतियों के लिए जिम्‍मेदार मानने लगी हैं। जहां 42.5 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि इराक की समस्‍या के लिए पूर्व राष्‍ट्रपति जॉर्ज बुश जिम्‍मेदार हैं तो वहीं 41.5 प्रतिशत जनता ने राष्‍ट्रपति ओबामा को भी इसके लिए जिम्‍मेदार बताया। वर्ष 2008 में जब ओबामा पहली बार चुनावी मैदान में थे तो उन्‍होंने फैसला किया था कि वह इराक से अमेरिकी सेनाओं को वापस बुलाएंगे लेकिन आज फिर से अमेरिकी सेनाएं इराक में मौजूद हैं।

अमेरिकी जनता पीसकीपिंग मिशन के खिलाफ

अमेरिकी जनता पीसकीपिंग मिशन के खिलाफ

राष्‍ट्रपति ओबामा ने पिछले वर्ष ऐलान किया था कि अमेरिका 40,000 और अमेरिकी ट्रूप्‍स यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन के लिए भेजेगा। वर्तमान समय में अमेरिका के 125,000 ट्रूप्‍स 16 देशों में इस जिम्‍मेदारी को निभा रहे हैं। जबकि अमेरिकी जनता का मानना है कि राष्‍ट्रपति का फैसला देश के खिलाफ है। जनता मानती है कि राष्‍ट्रपति का फैसला उनकी विदेश नीति का सबसे खराब उदाहरण है।

सीरिया में अमेरिका का हस्‍तक्षेप

सीरिया में अमेरिका का हस्‍तक्षेप

वर्ष 2011 में जब सीरिया में सिविल वॉर की शुरुआत हुई तो अमेरिका फिर से अपनी भूमिका को निभाने के लिए कूद पड़ा। आज साढ़े पांच वर्ष बाद सीरिया के हालात जस के तस हो चुके हैं। विशेषज्ञ आज भी मानते हैं कि सीरिया में अमेरिका के हस्‍तक्षेप की वजह से आज आईएसआईएस इतना मजबूत हो चुका है कि उसे हरा पाना मुश्किल हो रहा है।

लीबिया और गद्दाफी का पतन

लीबिया और गद्दाफी का पतन

इस बात को खुद राष्‍ट्रपति बराक ओबामा स्‍वीकार कर चुके हैं कि लीबिया में हस्‍तक्षेप करना उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी गलती साबित हुई है। इस वर्ष अप्रैल में राष्‍ट्रपति ओबाम ने एक इंटरव्‍यू में यह बात कुबूल की कि लीबिया में दाखल देने का फैसला सही नहीं था। ओबामा के मुताबिक अमेरिका का इस बात का अंदाजा नहीं था कि लीबिया एक खूनी संघर्ष में तब्‍दील हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि सारी कोशिशों के बाद आज लीबिया एक जंजाल में तब्‍दील हो गया।

Comments
English summary
US President Barack Obama's biggest failures according to the people of US.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X