रूस पर प्रतिबंध लगाने को तैयार ओबामा, पुतिन ने कहा भुगतने होंगे नतीजे
अमेरिकी चुनावों में हैकिंग के आरोपों को झेल रहे रूस पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जाते-जाते लगाकर जाएंगे और प्रतिबंध। प्रतिबंधों में रूस की इंटेलीजेंस एजेंसी और अधिकारियों को बनाया जाएगा निशाना।
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा 20 जनवरी को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। जाते-जाते वह रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी की चुके हैं। यह बात अलग है कि नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस को लेकर काफी नरम दिल हैं और ऐसे में यह प्रतिबंध कारगर होंगे यह देखना दिलचस्प होगा।
पुतिन पर लगा है हैकिंग का आरोप
ओबामा
प्रशासन
ने
अमेरिकी
चुनावों
में
सर्वर्स
और
राजनीतिक
पार्टियों
के
ईमेल
हैकिंग
की
वजह
से
रूस
पर
नए
प्रतिबंध
लगाने
की
तैयारी
कर
ली
है।
इन
नए
प्रतिबंधों
में
रूस
की
इंटेलीजेंस
एजेंसी
और
इसके
अधिकारियों
को
निशाना
बनाया
जाएगा।
ओबामा
प्रशासन
के
कुछ
सीनियर
ऑफिसर्स
ने
इस
बात
की
जानकारी
दी।
अमेरिकी
अधिकारियों
का
मानना
है
कि
रूस
के
राष्ट्रपति
ब्लादीमिर
पुतिन
की
शह
पर
एक
जासूसी
एजेंसी
ने
इस
काम
को
अंजाम
दिया।
राष्ट्रपति
बराक
ओबामा
इन
प्रतिबंधों
के
बारे
में
ऐलान
कर
सकते
हैं।
राष्ट्रपति
ओबामा
पहले
ही
कह
चुके
हैं
कि
वह
हैकिंग
की
जांच
कराएंगे।
जनवरी
में
इसकी
रिपोर्ट
आ
सकती
है।
अमेरिका
के
नए
राष्ट्रपति
डोनाल्ड
ट्रंप
ने
कहा
है
कि
प्रशासन
को
इससे
जुड़ी
सारी
जानकारी
बाहर
लाने
के
लिए
सारे
प्रयास
करने
चाहिए।
सीबीएस
न्यूज
के
मुताबिक
व्हाइट
हाउस
इस
तरह
के
उपाय
करने
जा
रहा
है
कि
आने
वाला
प्रशासन
उन्हें
खारिज
न
कर
पाए।
हालांकि
ट्रंप
हैकिंग
में
रूस
के
शामिल
होने
की
बात
से
साफ
इंकार
कर
चुके
हैं।
अमेरिका को दिया जाएगा जवाब
वहीं इन खबरों पर रूस का कहना है कि अमेरिका का ऐसा कदम उसे भड़काने वाला समझा जाएगा और फिर अमेरिका को इसकी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना होगा। इन प्रतिबंधों के तहत रूस उन व्यक्तियों का नाम भी सार्वजनिक करेगा जो हैकिंग में शामिल थे और सरकार के साथ काफी करीब होकर काम कर रहे थे। रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि अगर अमेरिका इस तरह के कदम उठाता है तो फिर अमेरिका में रूस के दूतावास की ओर से इसका जवाब दिया जाएगा। रूस में अमेरिकी डिप्लोमैट्स को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। सीएनएन की ओर से बताया गया है कि अमेरिकी कार्रवाई के तहत प्रतिबंधों को बढ़ाया जा सकता है और डिप्लोमैटिक कदम उठाए जा सकते हैं। अक्टूबर में अमेरिका ने औपचारिक तौर पर रूस पर राजनीतिक हैकिंग का आरोप लगाया था। अमेरिका ने कहा था कि रूस राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। उस समय रूस ने अमेरिका के इन आरोपों को बकवास करार दिया था।