मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाले अमेरिकी प्रस्ताव पर भी चीन का अड़ंगा
चीन ने जैश कमांडर मौलाना मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर भी लगाया छह माह तक टेक्निकल होल्ड। भारत ने दी अमेरिका के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया।
नई दिल्ली। अमेरिका, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने मंगलवार को एक बड़े कदम के तहत यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में जैश-ए-मोहम्मद कमांडर मौलाना मसूद अजहर को बैन के लिए प्रस्ताव दिया। हर बार की तरह चीन ने एक बार फिर से अड़ंगा डाल दिया।
चीन ने अमेरिका के प्रस्ताव में भी डाला अड़गा
चीन ने फिर से एक बार इस प्रस्ताव पर छह माह का टेक्निकल होल्ड लगा दिया है। चीन ने जो कदम उठाया है वह साफ तौर पर पाकिस्तान की मदद करने वाला और भारत के खिलाफ है। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल का स्थायी सदस्य चीन फिर से मसूद अजहर का रक्षक बनकर सामने आया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। स्वरूप ने कहा है, 'भारत को इस घटनाक्रम के बारे में जानकारी मिली है और इस मसले को चीन की सरकार के सामने रखा गया है।' भारत ने पिछले वर्ष अप्रैल में पहली बार मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव यूएन में दिया था। वहीं दूसरी ओर अमेरिका की ओर से यह अहम कदम उस समय उठाया गया है जब चीन ने दिसंबर में भारत के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इस प्रस्ताव में मसूद अजहर को ग्लोबल टेरिरस्ट घोषित करने की मांग की गई थी। अमेरिका के प्रस्ताव को फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम का भी समर्थन मिला है। अमेरिका ने यूएन की प्रतिबंध समिति 1267 के तहत यह प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि जैश एक आतंकी संगठन है और ऐसे में उसके नेता खुले आम नहीं घूम सकते हैं।
चीन ने डाली हर बार बाधा
इससे पहले चीन ने दिसंंबर में पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मौलाना मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर फिर से अड़ंगा लगा दिया था। भारत ने यूनाइटेड नेशंस की 1267 कमेटी में मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के लिए एप्लीकेशन दी हुई थी और 31 दिसंबर को चीन की ओर से दूसरे 'टेक्निकल होल्ड' की आखिरी तारीख थी। इससे पहले ही चीन ने वीटो पावर के जरिए भारत के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।