500 मिलियन डॉलर खर्च करने के बाद अमेरिका ने आईएसआईएस से मानी हार
वाशिंगटन। अमेरिका ने सीरिया में आईएसआईएस को कमजोर करने के लिए 500 मिलियन डॉलर की लागत से एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इस प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका सीरिया के विरोधियों को आईएसआईएस से लड़ने के लिए खास ट्रेनिंग देने वाला था। लेकिन अब अमेरिका ने इससे अपने हाथ खींच लिए हैं।
अमेरिका ने ऐलान कर दिया है कि वह अब सीरिया के विरोधियों को कोई ट्रेनिंग नहीं देगा। हालांकि अमेरिका मौजूदा विद्रोहियों को इक्विपमेंट्स और हथियार मुहैया कराएगा।
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अमेरिका की ओर से ट्रेनिंग हासिल करने वाले विद्रोहियों के अपनी गाड़ियां और हथियारआईएसआईएस आतंकियों को देने की खबरें आई थीं। इसके बाद अमेरिका के इस कार्यक्रम की काफी आलोचना हुई थी। पेंटागन ने कहा है कि अब केवल सिर्फ कुछ चुनिंदा नेताओं और उनके समूहों को ही ट्रेनिंग दी जाएगी।
अमेरिका के इस कार्यक्रम के तहत इस वर्ष 5,400 लड़ाकों को तैयार करने का प्रस्ताव था। इस संख्या को वर्ष 2016 तक बढ़ाकर 15,000 किया जाना था।
अमेरिका ने जो ग्रुप्स सबसे पहले ट्रेनिंग देकर सीरिया भेजे उसमें से एक ग्रुप को जुलाई में अल-कायदा से अलग हुए आतंकी संगठन जबत-अल-नुसराह ने घेर लिया था। इसके बाद बताया जाता है कि दूसरे ग्रुप ने अपनी जान बचाने के चक्कत में हथियार आतंकी संगठन को दे दिए थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिका अब सीरियाई विद्रोहियों को सऊदी अरब, कतर या जॉर्डन में ट्रेनिंग नहीं देगा बल्कि अमेरिका तुर्की में एक छोटा ट्रेनिंग सेंटर खोलेगा जिसमें विपक्षी गुटों के नेताओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री माइकल फेलन के साथ एक मीडिया कांफ्रेंस में अमेरिका के रक्षा मंत्री कार्टर ने कहा है कि वह कार्यक्रम की शुरुआती कोशिशों से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब आईएसआईएस के कब्जे वाले सीरियाई इलाके को वापस लेने के लिए अलग रास्ता अपनाने को बारे में सोच रहा है।