हैकिंग की वजह से अमेरिका ने रूस पर लगाए नए प्रतिबंध, 35 राजनयिकों को निकाला
एफबीआई और सीआईए जैसी अमेरिकी एजेंसियों ने कुछ दिनों पहले कहा था कि रूस ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप किया और डोनाल्ड ट्रंप की जीत के लिए इलेक्ट्रोरल प्रक्रिया को प्रभावित किया।
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा 20 जनवरी को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। जाने से पहले उन्होंने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है। राष्ट्रपति चुनावों में रूस की ओर से हुई हैकिंग के बाद इलेक्ट्रोरल प्रोसेस को प्रभावित करने के आरोप के बाद ओबामा ने रूस की इंटेलीजेंस एजेंसियों को बैन कर दिया। साथ ही साथ रूस के 35 राजनयिकों को भी अमेरिका से निकाल दिया गया है।
पुतिन पर लगा है हैकिंग का आरोप
कुछ दिनों पहले एफबीआई और अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए ने कहा था कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन की शह पर जासूसी एजेंसी ने चुनावों से पहले हैकिंग को को अंजाम दिया। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में जीत मिले इसलिए इस हैकिंग के जरिए कई सीक्रेट इनफॉर्मेशन लीक की गईं। राष्ट्रपति ओबामा पहले ही कह चुके हैं कि वह हैकिंग की जांच कराएंगे। सीबीएस न्यूज की ओर से कहा गया है कि व्हाइट हाउस इस तरह के उपाय करने जा रहा है कि आने वाला प्रशासन उन्हें खारिज न कर पाए। हालांकि ट्रंप हैकिंग में रूस के शामिल होने की बात से साफ इंकार कर चुके हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने इसकी पूरी जांच की मांग भी की थी। नए राष्ट्रपति ट्रंप चुनावों से पहले और इसके बाद रूस के साथ अच्छे संबंधों की वकालत कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि जब वह 20 जनवरी को ऑफिस संभालेंगे तो तस्वीर क्या होगी।
अमेरिका को दिया जाएगा जवाब
वहीं रूस ने कहा कि अमेरिका का ऐसा कदम उसे भड़काने वाला समझा जाएगा और फिर अमेरिका को इसकी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना होगा। इन प्रतिबंधों के तहत रूस उन व्यक्तियों का नाम भी सार्वजनिक करेगा जो हैकिंग में शामिल थे और सरकार के साथ काफी करीब होकर काम कर रहे थे। रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि अगर अमेरिका इस तरह के कदम उठाता है तो फिर अमेरिका में रूस के दूतावास की ओर से इसका जवाब दिया जाएगा। रूस में अमेरिकी डिप्लोमैट्स को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते जब रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन एनुअल मीडिया कांफ्रेंस में थे तो उन्होंने कहा था कि किसी को भी इस बात का भरोसा नहीं था कि ट्रंप जीतेंगे लेकिन रूस को इस पर पूरा यकीन था। अक्टूबर में अमेरिका ने औपचारिक तौर पर रूस पर राजनीतिक हैकिंग का आरोप लगाया था। अमेरिका ने कहा था कि रूस राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। उस समय रूस ने अमेरिका के इन आरोपों को बकवास करार दिया था।