व्हाइट हाउस ने मोदी-ओबामा की करीबियों पर चीन को दिया जवाब
वाशिंगटन। भारत के गणतंत्र दिवस के अवसर पर बतौर खास मेहमान शिरकत करने के लिए अमेरिका से आए राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबियों के बाद चीन की ओर से जो कमेंट आया था, उसे व्हाइट हाउस ने सिरे से नकार दिया है।
गौरतलब है कि चीन के एक थिंक टैंक की ओर से बयान दिया गया था कि अमेरिका चीन को नियंत्रण में करने के लिए भारत के साथ नजदीकी बढ़ा रहा है। अमेरिका की ओर से इसी पर बयान दिया गया है।
गलत है चीन की सोच
भारत-अमेरिका के प्रगाढ़ होते रिश्तों को लेकर चीन की चिंताएं खारिज करते हुए ‘व्हाइट हाउस' ने कहा कि इस रिश्ते का मकसद चीन को ‘काबू में करना' या उसे ‘थामना' कतई नहीं है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार बेन रोड्स से जब चीन के सरकारी मीडिया की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, यह गौर करने वाली बात है कि उन्हें (चीन को) इस यात्रा पर टिप्पणी करने के लिए विवश होना पड़ा।
चीन की सरकारी संवाद समिति ‘शिन्हुआ' ने जलवायु परिवर्तन एवं परमाणु ऊर्जा सहयोग जैसे मुद्दों पर मतभेद की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौजूदा भारत यात्रा को ‘सतही घनिष्ठता' करार दिया था।
रोड्स ने कहा, मैं अपनी प्रतिक्रिया में कहूंगा कि अमेरिका और भारत एशिया-प्रशांत में जिस तरह से मुद्दे से निपटते हैं वह इस मायने में एक ही जैसा है कि कोई भी चीन को काबू में नहीं कर रहा या न ही उसके साथ कोई टकराव की कोशिश कर रहा है।
मोदी ओबामा के बीच चीन का जिक्र
उन्होंने कहा, अलग-अलग क्षेत्रों में चीन से अमेरिका और भारत दोनों के संबंध बहुत घनिष्ठ हैं। बहरहाल, रोड्स ने पुष्टि की कि ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में चीन पर चर्चा की गई थी।
रोड्स ने कहा, अमेरिका-भारत संबंध का इंतजार लोगों को कई वर्षों से था और यह संबंध एक अलग स्तर पर ले जाया जाना चाहिए क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई एवं इस क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि के मामले में हमारे हित गहराई से जुड़े हुए हैं।