रोंगटे खड़ी कर देने वाली पांच यातनांए जो दी जाती है जेल में
वाशिंगटन। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका में सितंबर 2001 में हुआ हमला दुनिया के लिए सबसे खतरनाक चुनौती बनकर उभरा था। यह हमला मानवता के साथ ही साथ सुरक्षा पर भी कई सवाल खड़े करता था। लेकिन इस हमले के बाद अमेरिका की इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए ने जो कुछ भी किया, वह भी शायद मानवता से परे था।
यूएस सीनेट इंटेलीजेंस रिपोट में जो कुछ भी सामने आया है, वह वाकई रोंगटे खड़े कर देने वाला है। 500 पेज के इस डॉक्यूमेंट में सीआईए के टॉर्चर के बारे में बताया गया है।
इस रिपेार्ट की मानें तो अल कायदा के संदिग्धों को सीआईए ने इस कदर टॉर्चर किया था कि कुछ लोगों ने अपनी जिंदगी पर से पूरा नियंत्रण खो दिया। यह वह संदिग्ध हैं जिन्हें सीआईए ने ग्वांतनामो बे की जेल में रखा था।
सीआईए
ने
अल
कायदा
के
संदिग्धों
के
नाम
पर
जिन
119
लोगों
को
डिटेन
किया
था
उन्हें
नंगा
रखा
जाता
था,
चेन
से
बांधा
जाता
था,
ठंड
में
जमीन
पर
सोने
को
मजबूर
किया,
उनका
शारीरिक
शोषण
किया
गया
और
यहां
तक
कि
सीनेट
इंटेलीजेंस
की
इस
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पांच
संदिग्धों
को
तो
बिहेवियरल
कंट्रोल
के
नाम
पर
रेक्टेल
फीड
तक
के
लिए
मजबूर
किया
गया।
इंट्रोगेशन के नाम पर भयावहता
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक सीआईए ने जेल में बंद अल कायदा संदिग्धों से इंट्रोगेशन के नाम पर जो कुछ किया उसके लिए शायद निर्दयता शब्द भी छोटा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे वॉटरबोर्डिंग्स टेक्निक के जरिए मानसिक संतुलन बिगाड़ने की कोशिश की गई। इस वजह से संदिग्ध हैल्यूशिनेशन, पैरानोइया, इनसोम्निया के शिकार हो गए थे।
खून जमा देने वाली ठंड और शरीर पर कपड़े नहीं
अफगानिस्तान के एक आतंकी संगठन हिज्ब-ए-इस्लामी के सदस्य गुल रहमान को उसकी सेल में बेड़ियों से बांधकर रखा गया। सीआईए के एक अधिकारी ने उस समय उसके कपड़े उतारने का आदेश दिया जब वह इंट्रोगेशन में सहयोग नहीं कर रहा था। ठंड की वजह से उसकी मौत हो गई।
स्ट्रेस पोजिशन में जगाकर रखा
सीआईए के अधिकारियों ने उन्हें 180 घंटों तक नींद से भी मरहूम रखा। उस समय उनके बदन पर कपड़े नहीं होते थे और उनके हाथ बेड़ियों से बंधे रहते थे। एक संदिग्ध को तो 17 दिनों तक स्टैंडिंग पोजिशन में दिवार के सहारे चेन से बांधकर रखा गया था। कुछ को कुत्तों के बैठने के अंदाज में बैठे रहने को कहा गया।
आवाज रिकॉर्ड कर परिवारवालों को डराने का काम
एक संदिग्ध जिसका नाम नजर अली था वह बुरी तरह से सीआईए के सामने उसे बख्श देने की गुहार लगाता था। बाद में उसकी चीख और उसके रोने को रिकॉर्ड कर उसके परिवार वालों को भेजा गया ताकि और जानकारियां हासिल हो सकें।
बेकसूर लोगों को भी रखा जेल में
इस रिपोर्ट की मानें तो कम से कम 26 लोग ऐसे थे जिन्हें गलत तरीके से पकड़ा गया था। जिन लोगों को पकड़ा गया था वह नियमों के विरुद्ध था। इन लोगों के जरिए परिवार वालों को डरा धमका कर कुछ जानकारियां हासिल करने की कोशिश की गई।
सीआईए ने बढ़ा चढ़ाकर रखी अपनी बात
जिस समय इन सबकी शुरुआत हुई उस समय जॉर्ज डब्ल्यू बुश जूनियर अमेरिका के राष्ट्रपति थे और वह पूरी तरह से इन सबसे अनजान थे। यहां तक कि उन्हें गलत जानकारियां भी दी गई। सीआईए ने जर्नलिस्ट्स को भी झूठी जानकारियां दीं ताकि उसे पब्लिक सपोर्ट मिल सके।
लेकिन सीआईए का सपोर्ट
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस पूरी रिपोर्ट पर कहा है वह मानते हैं कि उनसे कुछ गलतियां हुई हैं। साथ ही साथ यह भी कहा कि वह सीआईए के आत्मवश्विास को बढ़ाते रहेंगे लेकिन अगर कुछ गलत हुआ तो एक्शन भी लेंगे।