3 वैज्ञानिकों को नोबल पुरस्कार, इनका काम देखकर आप कहेंगे थैंक्यू
बेंगलुरु। आयरलैंड के विलियम सी कैम्पबेल, जापान के सातोषी ओमुरा और चीन की वैज्ञानिक यूयू तू को मेडिसिन के क्षेत्र में नोबल प्राइज से सम्मानित किया गया है। जाहिर है इतना बड़ा प्राइज दिया गया है, तो इनका काम भी बड़ा होगा। और वाकई में इनका काम देख आप सीधे इन तीनों को थैंक्यू बोलेंगे। विलियम और सातोषी को पुरस्कार का एक चौथाई हिस्सा दिया गया है, जबकि यूयू तू को आधा पुरस्कार दिया गया है।
यूयू का कार्य
यूयू तू ने मलेरिया से लड़ने की थैरेपी इजात की है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार हर साल 5.84 लाख लोगों की मौत मलेरिया की वजह से हो जाती है। और साढ़े तीन से सात लाख लोगों की मौत मलेरिया जैसे लक्षणों की वजह से हो जाती है। यूयू तू ने एक थैरेपी विकसित की है, जिससे मलेरिया की चपेट में आने वाले व्यक्ति को बहुत जल्द ठीक किया जा सकता है। [देखें- अजब जानवरों की 20 गजब तस्वीरें]
विलियम सी कैम्पबेल और सातोषी आमूरा का काम
इन दोनों ने मिलकर एक ऐसे वॉर्म यानी कीड़े से लड़ने की दवा बनायी है, जो बेहद खतरनाक है। वॉर्म का नाम है राउंड वॉर्म, जो छल्ले की शेप का होता है और एक बार अगर शरीर के अंदर घुस गया, तो उसे धीरे-धीरे खा जाता है। इसके अंडे मिट्टी व कंकड़ पर पाये जाते हैं, जब कोई उस मिट्टी या कंकड़ उठते हैं, तो इसके अंडरे व लारवा त्वचा से होते हुए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। गंदे हाथों से खाना खाने की वजह से भी ये प्रवेश करते हैं।
इसके बाद शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल जाते हैं। रेंगते हुए कीड़ों को आप त्वचा के ऊपर से देख सकते हैं। इन दोनों वैज्ञानिकों ने इसके इंफेक्शन से बचने व निबटने की थैरेपी व दवाएं विकसित की हैं। ये बीमारी कितनी खतरनाक है, उसका अंदाजा आपको नीचे स्लाइडर में तस्वीरें देख कर ही लग जायेगा।
नोबल प्राइज विनर
ये तो सिर्फ नाम हैं, असली तस्वीरें आगे हैं।
Parasitic Roundworm Diseases
पैरासिटिक राउंड वर्म डिसीज, जब आंख में घुसा वॉर्म।
पैरासाइट राउंड वर्म
पैर में देखें कैसे रेंग रहा है ये कीड़ा।
Parasitic Roundworm Diseases जब निकलता है
जब खींच कर बाहर निकालते हैं तो ऐसा होता है मंजर।
Parasitic Roundworm Diseases शरीर के अंदर
शरीर के अंदर ऐसे विचरण करता है ये।
Say Thanks to Nobel Prize
हमें उम्मीद है कि इस बीमारी से लड़ने वाले वैज्ञानिकों को दीजिये धन्यवाद।