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नए नेपाली पीएम प्रचंड की भारत के साथ कभी खट्टी कभी मीठी केमेस्‍ट्री

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काठमांडू। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली की भारत के साथ बनती बिगड़ती केमेस्‍ट्री के बाद अब पुष्‍प कमल दहल प्रचंड नेपाल के प्रधानमंत्री चुने गए हैं। माओवादी नेता प्रचंड एक ऐसे नेता हैं जो भारत के साथ खट्टे और मी‍ठे दोनों ही तरह के रिश्‍ते रखते हैं। अगर आपको मालूम न हो तो आपको बता दें कि जिस समय नेपाल में सिविल वॉर छिड़ा था प्रचंड ने वर्ष 1996 से वर्ष 2006 का समय भारत में ही बिताया था।

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भारत में सुरक्षित थे प्रचंड

जब प्रचंड भारत में थे तो कुछ लोगों ने भारत को प्रचंड के साथ ही दूसरे माओवादी नेताओं के लिए एक सु‍रक्षित जगह तक करार दिया था। भारत में रहने के बाद भी प्रचंड ने कभी भी भारत की अथॉरिटीज को चुनौती देने या फिर उनके साथ दुश्‍मनी मोल लेने की कोई कोशिश नहीं की थी। एक नजर डालिए भारत के साथ प्रचंड के रिश्‍तों से जुड़ी 10 खास बातों पर।

बीजेपी सरकार को चिट्टी लिख मांगा समर्थन

  • नेपाल में माओवादी आंदोलन के समय प्रचंड ने वाजपेई की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार को चिट्ठी लिखी थी। प्रचंड ने सरकार ने नैतिक समर्थन मांगा। नेपाल में घरेलू माओवादी हिंसा बढ़ता देख भारत को लगा कि देश में माओवादी इससे
  • प्रभावित हो सकते हैं।
  • फिर प्रचंड के साथ बातचीत शुरू हुई और भारत के साथ प्रचंड के साथ सात और पार्टियों ने एक 12 सूत्रीय समझौते को साइन किया।
  • वर्ष 2007 में शांति समझौते के साइन होने के बाद नेपाल में चुनाव हुए और प्रचंड को वर्ष 2008-2009 में पीएम चुना गया। प्रचंड की कई भारतीय नेताओं और राजनयिकों के साथ काफी अच्‍छे रिश्‍ते थे।
  • पीएम बनने के बाद प्रचंड ने नियम तोड़ते हुए भारत की बजाय चीन का दौरा किया। भारत इससे नाराज हो गया और प्रचंड एक कदम और आगे बढ़ गए। उन्‍होंने अपील की कि भारत के साथ सभी संधियों और समझौतों को खत्‍म कर दिया जाए।
  • इसके बाद प्रचंड ने आर्मी चीफ को हटा दिया जिसका भारत ने विरोध किया। प्रचंड ने इस्‍तीफा दे दिया और सारा दोष भारत पर डाल दिया।
  • प्रंचड को नेपाल के दूसरे लेफ्ट नेता माधव नेपाल ने रिप्‍लेस कर दिया। प्रचंड ने उस समय दावा किया कि भारत इस सारे घटनाक्रम के लिए जिम्‍मेदार है। प्रचंड ने उस समय कहा, 'वह मालिक से बात करेंगे न कि नौकर से।'
  • भारत और नेपाल के रिश्‍ते यहां से बिगड़ने लगे। प्रचंड ने सार्वजनिक तौर पर ऐलान किया कि वह कभी भारत के सामने सिर नहीं झुकाएंगे।
  • समय बीता और प्रचंड फिर से भारत के करीब होने की कोशिशें करने लगे। हालांकि खबरें ये भी आईं कि प्रचंड ने चीन में कुछ सीक्रेट विजिट्स कीं और चीन की कंपनियों को नेपाल में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्‍ट्स में निवेश के लिए प्रभावित किया।
  • नया संविधान बनने के बाद नेपाल के पूर्व पीएम ओली जब खरे नहीं उतरे तो प्रचंड फिर से भारत के करीब होने लगे और उन्‍होंने चीफ जस्टिस खिलराज रेगमी के नेतृत्‍व में दूसरी बार चुनावों के लिए काम किया। प्रचंड की पार्टी चुनाव में हार गई और फिर से प्रचंड ने इसके लिए भारत को दोष दिया।
  • भारत को लेकर प्रचंड ने हमेशा ही सार्वजनिक तौर पर कई तरह के बयान दिए। वर्ष 2015 में आए भूकंप के दौरान उन्‍होंने चीन के करीब जाने का प्रयास किया।
  • नए संविधान के बाद जब भारत के साथ लगे मधेशी क्षेत्रों के रास्‍तों को ब्‍लॉक
  • किया गया तो उन्‍होंने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद उन्‍होंने बयान दिया, 'नेपाल भारत के लिए जी हूजूरी नहीं कर सकता है।'
  • अब उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद नेपाल में कई लोग यह मानते हैं कि ओली की सरकार को गिराने में प्रचंड ने भारत की मदद ली है।
  • प्रचंड ने भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए अपने सबसे भरोसेमंद साथी लेफ्टिनेंट कृष्‍ण बहादुर महारा को भारत भेजा था।
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English summary
Maoist leader Pushpa Kamal Dahal aka Prachand is the new Prime Minister of Nepal. Prachanda has had a long association with India and he spent many years in India during Nepal’s civil war from 1996 to 2006.
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