एफ-16 के उत्पादन में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर है एक बड़ा सवाल
वाशिंगटन। अमेरिका के साथ भारत एफ-16 और दूसरे फाइटर जेट्स के उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से जुड़े किसी प्रस्ताव के लिए कम से कम एक वर्ष तक हामी नहीं भरेगा। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के एक अधिकारी की ओर से यह जानकारी दी गई है।
निर्णायक पहलू है टेक्नोलॉजी
अमेरिकी एयरफोर्स की सचिव डेब्रा ली जेम्स ने जानकारी दी कि उन्हें लगता है कि भारतीय सरकार कम से कम एक वर्ष तक प्रस्ताव पर रजामंद नहीं दिख रहा है। जेम्स ने बताया कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर वह विषय है जिसे लेकर भारत को
काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में हमारी नजरें इस बात पर हैं कि हम इस ओर कितना करने में सक्षम हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि यह एफ-16 से जुड़े मुद्दे में एक निर्णायक पहलू होगा।
भारत यात्रा से लौटी हैं जेम्स
जेम्स की मानें तो एफ-16 और दूसरे जेट्स के भारत में मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन में कितनी नौकरियां पैदा होती हैं, किस तरह की टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर होता है और ऐसी कुछ बातें काफी अहम होने वाली हैं।
जेम्स हाल ही में भारत की यात्रा पूरी करके अमेरिका वापस लौटी हैं। उन्होंने बताया है कि भारत न सिर्फ एफ-16 बल्कि एफ-18 के उत्पादन पर भी विचार कर रहा है।