साउथ चाइना सी पर चीन की हलचल के बीच ताइवान ने दी धमकी
ताइवान ने चीन के एयरक्राफ्ट कैरियर के दाखिल होने के बाद ताइवान ने दी चीन को धमकी और भेजे अपने फाइटर जेट्स।
ताइपे। चीन ने पिछले दिनों ताइवान से लगती सीमा के नजदीक साउथ चाइना सी में अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को भेजा है। इसके बाद से ही ताइवान हाई अलर्ट पर है। ताइवान ने चीन को धमकाने के अंदाज में अपने फाइटर जेट्स भेज दिए हैं।
ताइवान ने भी तैनात किए जेट्स
ताइवान के रक्षा मंत्री फेंग शि कुआन ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की है कि ताइवान के ईस्टर्न कोस्ट पर पर ताइवान के फाइटर जेट्स तैनात कर दिए गए हैं। इन जेट्स ने चीन के एयरक्राफ्ट कैरियर की फोटोग्राफ्स भी क्लिक की हैं। फेंग ने बताया कि मिलिट्री के पास बहुत से तरीक हैं जिनके जरिए जानकारी इकट्ठा की जा सकती हैं। फाइटर जेट्स को लियाओनिंग में चीनी मूवमेंट पर नजर रखने के लिए भेजा जाना उनका ही हिस्सा है। जब उनसे पूछा गया कि मिलिट्री ने चाइनीज शिप्स की फोटो क्यों नहीं पब्लिश की तो उनका कहना था कि यह जरूरी नहीं था। फेंग ने कहा कि चीन ने पहले भी ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी ताकत को छिपाकर रखना है न कि सबके सामने इसे लाना है।
ताइवान ने दी चीन को धमकी
इस वर्ष 20 मई से लेकर अब तक चीनी एयरफोर्स के जेट्स और नेवी के शिप्स ने ताइवान की ओर से मार्क किए गए जोन में दाखिल होने की कोशिश की है। यह हिस्सा ताइवान के सबसे करीबी बिंदु से सिफ्र 160 किमी की दूरी है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि चीन ताइवान को धमकी देने के लिए ऐसा रहा है। चीन के इकलौते एयरक्राफ्ट कैरियर ने सदर्न चीनी प्रांत में स्थित हैनियान प्रांत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। ताइवान ने मंगलवार को इस घटनाक्रम के बाद चीन को वॉर्निंग दी है कि दुश्मन का खतरा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहर है। ताइवान की राष्ट्रपति को लेकर चीन काफी आशंकित है। चीन को इस बात का डर है कि वह आइलैंड की आजादी के लिए आंदोलन छेड़ सकती हैं। वहीं ताइवान की राष्ट्रपति का कहना है कि वह चीन के साथ शांति कायम रखना चाहती हैं। ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने इस वर्ष मई में अपना ऑफिस संभाला था और तब से लेकर अब तक ताइवान ने चार बार अपनी सीमाओं में घुसपैठ की बात कही है। इसके अलावा हाल ही में अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सारी परंपराओं को तोड़ते हुए ताइवान की राष्ट्रपति से फोन पर बात की। इन दोनों ही घटनाओं ने चीन को परेशान कर दिया।