मोदी-ट्रंप मीटिंग से पहले अमेरिका ने सैयद सलाउद्दीन को ग्लोबल टेरिरिस्ट घोषित किया
वाशिंगटन। पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड के बीच 26 जून को होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाउद्दीन को ग्लोबल टेरिरिस्ट घोषित कर दिया। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने इस संबंध में जारी मीडिया नोट में स्पष्ट किया है कि मोहम्मद यूसुफ उर्फ सैयद सलाउद्दीन को ग्लोबल टेरिरिस्ट घोषित किया जाता है।
मोदी और ट्रंप के बीच पहली मुलाकात से ठीक पहले सैयद सलाउद्दीन को ग्लोबल टेरिरिस्ट घोषित किया जाना, दोनों देशों के लिए बेहद अहम है। ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने मोदी से मुलाकात से पहले पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत दे दिया है। अमेरिकी का यह कदम मोदी सरकार के लिए बड़ी कूटनीतिक सफलता है।
अमेरिका के लिए भी खतरा बना सलाउद्दीन
अमेरिका इस ग्लोबल टेरिरिस्ट लिस्ट में उन लोगों को डालता है, जिनसे अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था और उसकी विदेश नीति को खतरा होता है। मीडिया नोट में लिखा गया है कि सलाउद्दीन ने भारत पर हुए कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है और वह लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहा है।
कौन है सैयद सलाउद्दीन
सैयद सलाउद्दीन मूलरूप से जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम का रहने वाला है। वह साल 1987 में जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा भी लड़ चुका है, जिसमें उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद वह पाकिस्तान चला गया था। हिजबुल मुजाहिदीन का यह सरगना युनाइटेड जिहाद काउंसिल का भी सरगना है। जिहाद काउंसिल के तहत कई आतंकी संगठन आते हैं, जो कि कश्मीर में आतंकी गतिविधियां फैलाने में संलग्न हैं।
सलाउद्दीन ने आज ही किया था बुरहान की बरसी पर प्रदर्शन का ऐलान
जम्मू-कश्मीर में लगातार बिगड़ते हालात के बीच सैयद सलाउद्दीन ने 26 जून को कहा कि वे बुरहान वानी की बरसी मनाएंगे और पूरे एक हफ्ते तक प्रदर्शन करेंगे। सलाउद्दीन ने हुर्रियत से अपील की है कि हफ्ते भर तक होने वाले इस प्रोग्राम को सफल बनाएं। हिज्बुल का यह प्रदर्शन 8 जुलाई से 13 जुलाई तक चलेगा। आपको बता दें कि 8 जुलाई को बुरहान वानी को मरे पूरा 1 साल हो जाएगा।