अमेरिका का सिलिकॉन वैली महिलाओं के लिए नहीं है सुरक्षित
सिलिकॉन वैली महिलाओं के लिए बन रही है असुरक्षित जगह, महिलाओं के झेलना पड़ रहा है भेदभाव, शोषण।
सैन फ्रांसिस्को। दुनियाभर में सिलिकॉन वैली को तकनीक का हब माना जाता है, यहां दुनिया की शीर्ष कंपनियां स्थित हैं। यहां अधिकतर काम करने वाले पुरुष हैं, लिहाजा यहां बदलते माहौल को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है। सिलिकॉन वैली पर अब आरोप लगने लगा है कि यहां यहां पुरुषों को वरीयता दी जाती है और महिलाओं को कम अवसर दिया जाता है, जोकि गलत है।
सिलिकॉन वैली में महिलाओं की घटती संख्या पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपना विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है, महिलाओं का आरोप है कि यहां हमारे साथ भेदभाव होता है, महिलाओं के विरोध के चलते कुछ पुरुष शीर्ष पुरुष कर्मचारियों को इस्तीफा भी देना पड़ा है। पिछले महीने उबर के चीफ एग्जेक्युटिव ट्रैविस कालानिक ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। उनपर आरोप लगा था कि कंपनी में महिला कर्मचारियों के भेदभाव होता है और उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है, उनका शोषण भी किया जाता है।
कई कर्मचारियों की छुट्टी
कालानिक के इस्तीफे से पहले उबर ने अपने बयान में कहा था कि उसने 20 कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया है, उनके खिलाफ 215 शिकायतें थी, इनकी जांच के बाद यह कदम उठाया गया है, इन लोगों पर महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव, शोषण और गैर पेशेवर रवैया रखने का आरोप था। जून माह में जस्टिन काल्डबेक अपने बयान में उन्होंने कहा था कि सॉरी कहना पर्याप्त नहीं होगा। टेक निवेश कंपनी के डेव मैक्कलोर ने भी अपनी गलती स्वीकार करते हुए सोशल मीडिया पर माफी मांगी थी, उन्होंने लिखा था कि मेरा व्यवहार माफ करने लायक नहीं हैं और यह गलत है।
लेख के बाद शुरु हुआ माफी का सिलसिला
तमाम कंपनयों के शीर्ष अधिकारियों ने न्यू यॉर्क टाइम्स के एक ऑर्टिकल के बाद लोगों से मांफी मांगनी शुरू की है। इस लेख में दर्जनों महिलाओं ने अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। इन लोगों ने आरोप लगया था कि मैक्कलोर हो या काल्डेक उन्हें शोषण और भेदभाव का शिकार होना पड़ा है। फियोलेट जिन्होंने उबेरगिज्मो नाम की कंपननी की स्थापना की, उनका कहना है कि सिलिकॉन वैली में तकरीबन 10 फीसदी महिलाएं ही काम करती हैं। वहीं गूगल में महिला टेक कर्मचारियों की संख्या 17 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच गई है, जबकि शीर्ष पदों पर महिलाओं की संख्या में 21 से बढ़कर 25 फीसदी पहुंच गई है।