सिर्फ 60 घंटे और यूरोप के दो देशों पर होगा रूस का कब्जा!
वाशिंगटन। अगले 60 घंटों के अंदर आपको पश्चिम से एक अहम खबर सुनने को मिल सकती है। एक लीडिंग अमेरिकन थिंक टैंक पर अगर भरोसा करें तो आने वाले 60 घंटों के अंदर रूस यूरोप के दो अहम शहरों को अपने कब्जे में ले सकता है।
होगी नए संघर्ष की शुरुआत
अगर यह सच हुआ तो दुनिया के एक नए हिस्से में एक नए संघर्ष की शुरुआत होगी। इस शुरुआत में जहां अपने-अपने कब्जे की लड़ाई होगी तो अमेरिका और रूस में वर्चस्व को लेकर तनाव एक नए मोड़ पर पहुंच जाएगा।
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अमेरिकी थिंक टैंक टैंक रैंड फाउंडेशन की ओर से दावा किया गया है कि यूरोप के एस्टोनिया और लातविया देशों को नाटो ठीक ढंग से सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रहा है।
काफी
मजबूत
स्थिति
में
रूस
रूस
पहले
ही
यूरोप
के
क्रीमिया
शहर
पर
कब्जा
कर
चुका
है
और
ऐसे
में
इस
क्षेत्र
में
उसकी
सामरिक
स्थिति
काफी
मजबूत
हो
गई
है।डेली
मेल
में
इस
रिपोर्ट
को
पब्लिश
किया
गया
है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस, लातवियाई बॉर्डर पर दो तरफ से बड़ी संख्या में अपनी सेनाएं भेज सकता है। अगर लातविया में रूसी सेनाएं जीत जाती हैं, तो दूसरी बटालियन एस्टोनिया में दाखिल होकर कैपिटल ताल्लिन पर कब्जा करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक रूस की इन बटालियनों का सामना करने की क्षमता लातवियाई और नाटो सेना के पास नहीं है। रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि नाटो की जमीनी सेनाएं रूस का सामना नहीं कर सकतीं।
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उनके पास कोई बैटल टैंक नहीं है जबकि रूस की सभी बटालियनों के पास टैंक मौजूद हैं। नाटो के पास इस इलाके में युद्धाभ्यास करने के लिए जगह भी नहीं है।
अमेरिका भी कमजोर रूस के सामने
थिंक टैंक की ओर से वर्ष 2014 और 2015 के बीच किए गए अध्ययन में कहा गया है कि बाल्टिक सेना और अमेरिका हवाई हमले दोनों मिलकर रूस को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश करें तो यह भी उनके लिए काफी मुश्किल काम होगा।
गौरतलब है कि 1990 में सोवियत यूनियन के खत्म होने के बाद एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया समेत कई देश यूरोपियन यूनियन में शामिल हो गए थे। रूस एक बार फिर से सोवियत यूनियन के बिखरे हुए देशों पर कब्जा करना चाहता है।
रूस का दावा रहा है कि पूर्व सोवियत के इन देशों में बड़ी संख्या में रूसी लोग रहते हैं।