आमने-सामने रूस और अमेरिका, विशेषज्ञों ने कहा कोल्ड वॉर के हालात
वाशिंगटन। ठीक एक वर्ष पहले इसी समय रूस ने तय किया था कि वह सीरिया में हवाई हमलों को शुरू करेगा और राष्ट्रपति बशर अल असद को समर्थन देगा। आशंका जताई गई थी कि रूस के इस एक्शन के बाद दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है। आज जिस तरह से अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं, उसकी तुलना शीत युद्ध के समय से की जा रही है।
दोनों ही देश असहमत
केनन इंस्टीट्यूट के विल्सन सेंटर के निदेशक मैथ्यू रोजानस्काई की मानें तो अमेरिका और रूस के संबंधों ने एकदम से नया मोड़ ले लिया है। दोनों ही देश संघर्ष की स्थिति में हैं और इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है।
सीरिया में मिलिट्री ऑपरेशंस को लेकर अमेरिका और रूस के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद है। दोनों ही देश कई मुद्दों पर असहमति जता रहे हैं और एक दूसरे पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं।
तीसरे विश्व युद्ध जैसे हालात
इन सबके बीच जो कुछ हो रहा है उससे विशेषज्ञ काफी घबराए हुए हैं। उनका कहना है कि अगर स्थितियां ऐसी रहीं तो फिर जल्द ही तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत भी हो सकती है।
आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने रूस के सभी टॉप ऑफिसर्स, नेताओं और उनके परिवारों वालों से तुरंत घर लौटने को कहा है।
रूस ने टेस्ट की मिसाइल
बुधवार को रूस ने एक और बैलेस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया। रशियन आर्मी ने जापान के उत्तर में मौजूद अपनी सबमरीन से परमाणु हथियार ढो सकने वाली एक मिसाइल का सफल टेस्ट किया। रूस की मीडिया की मानें तो यह एक सफल परीक्षण था।
सीमा पर तैनात हुईं मिसाइलें
वहीं सीएनएन की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने पोलैंड और लिथुवानिया के बॉर्डर पर न्यूक्लियर क्षमता वाली मिसाइलों को डेप्लॉयड कर दिया है।
अमेरिका के मामलों पर नजर रखने वाले सूत्रों की मानें तो रूस का यह कदम अंतराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है और रूस ने कई समझौतों को भी तोड़ा दिया है। रोजानस्काई कहते हैं कि इस बार रूस सीरिया को लेकर किसी तरह के समझौते के मूड में नहीं है।
वॉरशिप्स भी डेप्लॉयड
रूस ने भी थोड़े दिनों पहले बताया था कि उसने अपनी दो वॉरशिप्स को भूमध्य सागर की ओर लौटने को कहा है। इसके अलावा रूस ने अपने एस-300 एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी सीरिया के टारटस स्थित नेवी सेंटर में डेप्लॉयड कर दिया है।