पांच वजहें क्यों पीएम मोदी नहीं राष्ट्रपति ट्रंप बने टाइम पर्सन ऑफ द ईयर
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टाइम मैगजीन के पर्सन ऑफ द ईयर में अपनी प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन और रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन को दी है मात।
न्यूयॉर्क। बुधवार को अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वर्ष 2016 के लिए टाइम मैगजीन ने पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किया। मैगजीन के ऑन लाइन पोल को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 प्रतिशत वोटों से जीता था।
इसके बाद भारत और अमेरिका में बसे भारतीयों को उम्मीदें थीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किया जा सकता है।
ट्रंप ने बताया सम्मान
पीएम मोदी के लिए पीएम बनने के बाद तीसरा मौका था जब उन्हें मैगजीन ने पर्सन ऑफ द ईयर के लिए शामिल किया गया था।
वहीं पर्सन ऑफ द ईयर बनने पर कहा कि उनके लिए यह काफी सम्मानित मौका है। ट्रंप के मुताबिक वह इस मैगजीन को पढ़कर बड़े हुए हैं।
अब ट्रंप ही हैं राष्ट्रपति
ट्रंप को विजेता घोषित करने के बाद मैगजीन ने लिखा है, 'उनका भेदभाव पैदा करने के स्तर को अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल है। रियल एस्टेट टायकून और कैसिनो मालिक जो बाद में रियल्टी टीवी स्टार बन गए, उन्होंने कभी एक दिन भी ऑफिस में नहीं बिताया है।'
मैग्ाजीन ने आगे लिखा,' एक ऐसा व्यक्ति जिसने कभी किसी कर्तव्य के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई, अब एक ऐसे राजनीतिक महल की ओर हैं जहां पर कभी पंडित, पार्टियों, दानदाताओं और ऐसे लोगों का मेला लगता था। इन सबके बावजूद अब ट्रंप बेहतर के लिए या फिर बुरे के लिए, एक राष्ट्रपति हैं।'
आखिर क्यों ट्रंप को घोषित किया गया इस वर्ष का 'पर्सन ऑफ द ईयर' और क्यों पीएम मोदी या फिर पुतिन रेस में ट्रंप से हार गए, जानिए उन वजहों पर एक नजर।
निंदा और प्रशंसा साथ-साथ
टाइम ने कहा है कि जो लोग ट्रंप पर भरोसा करते हैं, वह मानते हैं कि ट्रंप एक बदलाव लेकर आएंगे। एक ऐसा बदलाव जो काफी बड़ा, गहरा और एतिहासिक होगा। वहीं उनके आलोचक मानते हैं कि उन्हें इस बात को लेकर डर है कि ट्रंप आने वाले समय में क्या-क्या कर सकते हैं।
राष्ट्रवाद का उदय
टाइम मैगजीन का मानना है कि ट्रंप ने एक ऐसी क्रांति की शुरुआत की है जो पूरी तरह से अमेरिकी है। मैगजीन के मुताबिक ट्रंप जिस तरह से सच और तर्कों पर टिके रहे, उसने उन्हें और मजबूत बनाया। उनकी जीत इस बात का प्रतिबंब है कि दुनिया में फिलीपींस से लेकर यूनाइटेड किंगडम तक राष्ट्रवाद का उदय हो रहा है।
बदलाव लाएंगे ट्रंप
ट्रंप ने बहुत सी ऐसी चुनौतियों और विकल्पों को पेश किया जिन्हें अमेरिका मानता है। लेकिन वोटर्स को सबसे ज्यादा भरोसा इसपर था कि ट्रंप बदलाव लेकर आएंगे। इस वजह से उन्होंने हिलेरी को 69 अंकों से पराजित किया।
अमेरिका की कमान आएगी ट्रंप के हाथ
वर्ष 2016 ट्रंप के उभरने का साल था तो 2017 एक ऐसा साल होगा जब वह अमेरिका की कमान अपने हाथों में लेंगे। टाइम का कहना है कि बाकी सभी निर्वाचित राष्ट्रपतियों की तरह ही ट्रंप के पास मौके हैं कि वह अपने वादों को पूरा कर सकें।
ट्रंप ने खुद को साबित किया
ट्रंप ने साबित कर दिया कि भावनाएं सिर्फ निराशा में ही जन्म लेती हैं और सच, उन लोगों के भरोसे जितना ही ताकतवर है जो इसे बोलना जानते हैं।